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Gupt Navratri 2018: गुप्त नवरात्रि में करें साधना, होगी हर कामना पूरी

By Pt. Gajendra Sharma
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नई दिल्ली। देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए वर्ष के सबसे पवित्र और सिद्ध दिन नवरात्रि के माने गए हैं। इन नौ दिनों में देवी अपने भक्तों और साधकों पर पूर्ण कृपा बरसाने को आतुर रहती है। जो लोग जीवन में धन, मान, सुख, संपत्ति, वैभव और सांसारिक सुखों को पाना चाहते हैं, उन्हें देवी के सिद्ध दिनों में साधना जरूर करना चाहिए।

गुप्त नवरात्रि

गुप्त नवरात्रि

अधिकांश लोग वर्ष की दो नवरात्रियों के बारे में ही जानते हैं। ये नवरात्रियां चैत्र और शारदीय नवरात्रि कहलाती हैं, लेकिन इन दो के अलावा दो और नवरात्रियां होती हैं जिन्हें गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। ये गुप्त नवरात्रि माघ और आषाढ़ माह में आती है। गुप्त नवरात्रियों का महत्व चैत्र और शारदीय नवरात्रियों से भी अधिक हैं क्योंकि इनमें देवी अपने पूर्ण स्वरूप में विद्यमान रहती हैं जो प्रकट रूप में नहीं होता है। गुप्त नवरात्रियों में देवी शीघ्र प्रसन्न होती हैं, लेकिन इसमें सबसे जरूरी और महत्वपूर्ण बात यह है कि साधकों को पूर्ण संयम और शुद्धता से देवी आराधना करना होती हैं।

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 प्रतिपदा का क्षय

प्रतिपदा का क्षय

इस बार आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा का क्षय होने के कारण आषाढ़ की गुप्त नवरात्रि 13 जुलाई से प्रारंभ होकर 21 जुलाई को पूर्ण होगी। 13 जुलाई शुक्रवार को प्रातः 8 बजकर 17 मिनट तक अमावस्या तिथि रहेगी। इसके बाद शुक्ल प्रतिपदा प्रारंभ होगी, लेकिन सूर्योदय से पूर्व तड़के 4 बजकर 32 मिनट पर प्रथमा तिथि समाप्त हो जाने से इसका क्षय हो गया है। इसलिए जो लोग गुप्त नवरात्रि में साधना करते हैं वे 13 जुलाई को प्रातः 8.17 बजे के बाद से प्रारंभ कर सकते हैं। जो लोग उदयव्यापी तिथि से मानेंगे वे 14 जुलाई से नवरात्रि साधना आरंभ करेंगे।

तंत्र-मंत्र सिद्धि के लिए खास दिन

तंत्र-मंत्र सिद्धि के लिए खास दिन

जो साधक तंत्र-मंत्र की सिद्धियां प्राप्त करना चाहते हैं उनके लिए गुप्त नवरात्रि के दिन बेहद खास होते हैं। इनमें वे साधक गुप्त स्थान पर रहते हुए देवी के विभिन्न स्वरूपों के साथ दस महाविद्याओं की साधना में लीन रहते हैं।

गृहस्थों के लिए विशेष

गृहस्थ साधक जो सांसारिक वस्तुएं, भोग-विलास के साधन, सुख-समृद्धि और निरोगी जीवन पाना चाहते हैं उन्हें इन नौ दिनों में दुर्गासप्तशती का पाठ करना चाहिए, यदि इतना समय न हों तो सप्तश्लोकी दुर्गा का प्रतिदिन पाठ करें। देवी को प्रसन्न करने के लिए और साधना की पूर्णता के लिए नौ दिनों में लोभ, क्रोध, मोह, काम-वासना से दूर रहते हुए केवल देवी का ध्यान करना चाहिए। कन्याओं को भोजन कराएं, उन्हें यथाशक्ति दान-दक्षिणा, वस्त्र भेंट करें।

 गुप्त नवरात्रि के नौ दिनों की प्रमुख तिथियां

गुप्त नवरात्रि के नौ दिनों की प्रमुख तिथियां

  • 13 जुलाई शुक्रवार प्रतिपदा क्षय, सप्तशती के पाठ प्रारंभ, साधना प्रारंभ
  • 14 जुलाई शनिवार द्वितीया, चंद्र दर्शन, जगन्नाथपुरी रथयात्रा
  • 15 जुलाई रविवार तृतीया रवियोग
  • 16 जुलाई सोमवार विनायक चतुर्थी व्रत
  • 17 जुलाई मंगलवार पंचमी पूजन
  • 18 जुलाई बुधवार कुमार षष्ठी
  • 19 जुलाई गुरुवार विवस्वत सप्तमी
  • 20 जुलाई शुक्रवार दुर्गाष्टमी, सूर्य पुष्य नक्षत्र में
  • 21 जुलाई शनिवार भड़ली नवमी, गुप्त नवरात्रि पूर्ण, सप्तशती पाठ समाप्त

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English summary
Gupt Navratri or Ashad Navratri 2018 begins on 13th and ends on 21st July 2015.here is its Importance and Puja Vidhi.
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