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Ganesha Festival 2020: 10 दिनों की गणेश पूजा में करें ये उपाय

By Pt. Gajendra Sharma
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नई दिल्ली। 22 अगस्त को भगवान श्रीगणेश की स्थापना के साथ 10 दिवसीय गणेशोत्सव का शुभारंभ हो चुका है। भगवान श्री गणेश रिद्धि, सिद्धि और बुद्धि के दाता तो हैं ही समस्त प्रकार के ग्रह दोषों को दूर करके जातक को सुख-सौभाग्य के शिखर तक पहुंचाने का काम भी करते हैं। गणेश स्थापना से लेकर गणेश विसर्जन तक के 10 दिन (22 अगस्त से 31 अगस्त 2020 तक) साल के उन सर्वश्रेष्ठ दिनों में से हैं जब आप अपने संकटों का निवारण कर सकते हैं। इन 10 दिनों में अपनी परेशानियों के लिए अनुसार आप 10 प्रकार की विशेष पूजा, मंत्र जप आदि करके अपने जीवन को सुख-समृद्धि की राह पर आगे बढ़ा सकते हैं।

आइए जानते हैं गणेशजी से जुड़े कुछ सिद्ध प्रयोग

 गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ

गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ

गणेशोत्सव के 10 दिनों में से लगातार किन्हीं पांच दिनों तक गणपति अथर्वशीर्ष के 31 पाठ प्रतिदिन करें। पाठ करते समय अपने सामने चांदी की एक कटोरी में गंगाजल भरकर रखें। प्रतिदिन पाठ पूरे होने के बाद यह जल स्वयं ग्रहण करें, परिजनों को प्रसाद के रूप में दें और बचा हुआ जल घर के हर कोने में छिड़क दें। इससे घर की समस्त नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। यदि सफलता में कहीं रूकावट है तो वह दूर होती है। आर्थिक उन्न्ति होने लगती है।


गणेश स्तोत्र का पाठ

यदि किसी दंपती को विवाह के कई वर्षों बाद भी संतान सुख प्राप्त नहीं हुआ है। या संतान तो है, लेकिन वे अक्सर बीमारी रहती हैं। यदि ऐसा है तो गणेशोत्सव के प्रतिदिन गणेश स्तोत्र का पाठ करें। यह पाठ पति-पत्नी दोनों को करना चाहिए। प्रतिदिन गणेशजी को 108 दूर्वा अवश्य अर्पित करें और बादाम का भोग लगाएं। 10 दिनों तक लगातार पाठ करने के बाद 7 वर्ष से कम आयु के बच्चों को मीठा भोजन कराएं। शीघ्र ही उत्तम संतान की प्राप्ति होगी।

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संकटनाशन गणेशस्तोत्र का पाठ

संकटनाशन गणेशस्तोत्र का पाठ

जीवन के समस्त संकटों का नाश करने के लिए नारद पुराण में वर्णित संकटनाशन गणेशस्तोत्र का नियमित पाठ करें। गणेशोत्सव के 10 दिनों तक लगातार यह पाठ नियमित रूप से करें और उसके बाद भी करते रहें। इससे संकटों का नाश हो जाता है। यह प्रयोग उन लोगों को अवश्य करना चाहिए जो मनपसंद नौकरी पाना चाहते हैं या बिजनेस में लाभ हासिल करना चाहते हैं। जिन लोगों के प्रत्येक कार्य में बाधा आती है उन्हें भी अवश्य इसका पाठ करना चाहिए।

सिंदूर से पूजन

किसी युवक या युवती का विवाह संबंध तय नहीं हो पा रहा है या संबंध तो तय हो गया है लेकिन विवाह की तारीख निश्चित करने में कठिनाई आ रही हो तो भगवान गणेश का प्रतिदिन सिंदूर से पूजन करें और मौली अर्पित करें। साथ ही 108 दूर्वा प्रतिदिन चढ़ाएं। बेसन की मिठाई का भोग लगाए। इससे शीघ्र विवाह का मार्ग प्रशस्त होता है। यह प्रयोग उन दंपतियों को भी करना चाहिए जिनके संबंध ठीक नहीं चल रहे हों।

गणेश-सरस्वती पूजन

शिक्षा के क्षेत्र में तरक्की की चाह रखने वाले लोग गणेशजी के साथ मां सरस्वती का पूजन करें। प्रतिदिन गणेशजी को पंचामृत का नैवेद्य अर्पित करें और उन्हें हरे रंग के वस्त्र भेंट करें। इससे बुद्धि तीक्ष्ण होती है और शिक्षा के क्षेत्र में सफलता मिलने लगती है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे लोगों को यह प्रयोग अवश्य करना चाहिए।

ग्रह दोष से मुक्ति

ग्रह दोष से मुक्ति

जन्मकुंडली में किसी प्रकार का ग्रह दोष है, कोई अशुभ योग बना हुआ है तो उसकी शांति के लिए गणपति अथर्वशीर्ष की 108 आवृत्ति से भगवान श्रीगणेश का पंचामृत से अभिषेक करें। इसके बाद दशांश हवन करना चाहिए।

अष्टविनायक पूजन

गणेशोत्सव के दौरान अष्टविनायक पूजन करना सर्वसिद्धिदायक माना जाता है। अष्टविनायक पूजन से जीवन की सारी बाधाएं समाप्त हो जाती है। सबसे बड़ा लाभ आर्थिक स्थिति में मिलता है।

धूम्र गणेश प्रयोग

यदि आपके शत्रु हैं और आपको परेशान कर रहे हैं। आप पर कोई झूठा आरोप-प्रत्यारोप लगा हुआ है। आपको किसी मुकदमे में फंसाया गया है। संपत्ति को लेकर परिजनों से विवाद चल रहा है तो आपको गणेशोत्सव के दौरान आने वाले बुधवार के दिन धूम्र अर्थात् पूरी काले रंग की गणेश मूर्ति का पूजन करना चाहिए। धूम्र गणेश की पूजा रात्रि के द्वितीय प्रहर में की जाती है। इससे शत्रु नाश होता है।


हरिद्रा गणपति प्रयोग

जन्मकुंडली में बृहस्पति की स्थिति खराब होने के कारण जीवन में अनेक प्रकार की बाधाएं आती हैं। मान-सम्मान, प्रतिष्ठा, धन आदि की कमी बनी रहती है। विवाह में भी बाधा आती है। इस प्रकार के सारे संकट दूर करने के लिए गणेशोत्सव के 10 दिनों तक हरिद्रा गणपति का पूजन करना चाहिए। इसके लिए हल्दी की गांठ को गणपति का रूप देकर पूजन किया जाता है। 10 दिनों बाद इसे जल में विसर्जित कर दिया जाता है।


हरित गणपति प्रयोग

बुध की मजबूती के लिए हरित गणपति प्रयोग किया जाता है। पूरे हरे रंग की गणेशजी की मूर्ति की पूजा करने से बौद्धिक कौशल में वृद्धि होती है। विद्यार्थियों को हरित गणपति का पूजन करना चाहिए। हरित गणपति की मूर्ति के सामने प्रतिदिन अथर्वशीर्ष का पाठ करने से कठिन से कठिन परीक्षाओं में भी सफलता अर्जित की जा सकती है।

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English summary
Ganesha Festival started from 22 August, its 10 days festival, Please Do 10 Things during This Time.
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