Ganesh Chaturthi 2019: दुनिया के अधिकांश देशों में पूजनीय हैं श्रीगणेश
नई दिल्ली। भारत के प्रथम पूजनीय देव भगवान श्रीगणेश दुनिया के अधिकांश देशों में पूजे जाते हैं। ऐसा नहीं है कि उन देशों में केवल हिंदू समुदाय ही गणेशजी की पूजा करता है, बल्कि उस देश के लोग भी गणेश जी को पूरी श्रद्धा के साथ पूजते हैं। केनेडा, मॉरीशस, थाइलैंड, सिंगापुर, कंबोडिया, बर्मा, अमेरिका, इंग्लैंड, फिजी जैसे देशों में गणेशोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। कुछ देशों में तो गणेशोत्सव के पहले दिन सार्वजनिक अवकाश भी रहता है।
आइए जानते हैं किस देश में गणेशजी को पूजने की क्या और कैसी परंपरा है..
मॉरीशस
मॉरीशस में गणेशजी का पूजन कब से शुरू हुआ, इसकी कोई प्रामाणिक जानकारी तो नहीं है, लेकिन 1982 में वहां गणेशजी की पूजा बड़े पैमाने पर की जाने लगी। मॉरीशस में करीब 52 प्रतिशत संख्या हिंदुओं की है, इसलिए वहां गणेशोत्सव के पहले सरकार की ओर से सार्वजनिक अवकाश रहता है। भारत की तरह मॉरीशस में भी गणेश मंदिरों और घरों में गणेशोत्सव के दौरान पूजा की जाती है। इस अवसर पर यहां मॉरीशस के स्थानीय कलाकार स्थानीय नृत्य की प्रस्तुति भी मंदिरों में देते हैं।
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केनेडा
केनेडा के प्रमुख शहर टोरंटो में भी गणेशोत्सव मनाने की परंपरा चली आ रही है। पहले यह सिर्फ वहां रह रहे भारतीय ही करते थे, लेकिन अब स्थानीय लोग बड़े पैमाने पर इसमें शामिल होते हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद टोरंटो में गणेशोत्सव पर लोग इकठ्ठा होते हैं और गणेशजी की आरती पूजा के साथ ही डांस कॉम्पीटिशन भी होती है। इस दौरान हिंदू परिवार पारंपरिक भारतीय परिधानों में होते हैं।
अमेरिका : यूएसए में बड़ी संख्या में रह रहे भारतीय परिवारों द्वारा मुंबई से गणेशजी की मूर्तियां ले जाई जाती हैं और 11 दिन का गणेशोत्सव मनाया जाता है। उत्तरी अमेरिका में फिलाडेल्फिया में गणेशोत्सव भव्य पैमाने पर मनाया जाता है। यहां भारत की तरह लोगों से चंदा इकठ्ठा करके समारोह किए जाते हैं। इसमें स्थानीय अमेरिकी लोग भी खुशी-खुशी शामिल होते हैं। गणेशोत्सव के पहले दिन स्कूलों में छुट्टी रहती है। इस दौरान मंदिरों में भी विशेष आयोजन होते हैं। स्थानीय अमेरिकीयों के लिए गणेशोत्सव के दिन हिंदू परंपरा को करीब से जानने का अच्छा अवसर होता है।
ब्रिटेन
ब्रिटेन में कार्य कर रही संस्था हिंदू कल्चर एंड हेरिटेज सोसायटी द्वारा संपूर्ण ब्रिटेन में बड़े पैमाने पर गणेशोत्सव का आयोजन किया जाता है। बेशक ब्रिटेन को भारतीयों का दूसरा घर कहा जाता है, लेकिन इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि ब्रिटिशर्स भी गणेशजी को उतनी ही श्रद्धा से पूजते हैं जितना वे भारत में पूजनीय हैं। कई ब्रिटेनवासी गणेशोत्सव के दौरान घरों में भगवान गणेश की मूर्ति या फोटो रखकर उसकी पूजा करते हैं। इस दौरान पारंपरिक डांस, फैंसी ड्रेस प्रतियोगिताओं के अलावा पारंपरिक फूड फेस्टिवल भी आयोजित किए जाते हैं।
थाइलैंड :थाइलैंड के बारे में सबसे रोचक बात यह है कि वहां गैर हिंदू लोग गणेशजी को सबसे ज्यादा मानते और पूजते हैं। ना केवल गण्ोशोत्सव के दौरान बल्कि वर्षभर अनेक लोग गणेशजी को स्थायी रूप से पूजते हैं। वहां गणेशजी को समृद्धि और बुरी शक्तियों के रक्षक के रूप में पूजा जाता है। बैकॉक से करीब 106 किलोमीटर दूर नाखोन नायोक मंदिर में भगवान गणेश की 38 फीट ऊंची अर्धलेटी अवस्था में प्रतिमा स्थापित है। इसे दक्षिण-पूर्व एशिया की सबसे बड़ी मूर्तियों में गिना जाता है। यहां बड़े पैमाने पर लोग इकट्ठा होते हैं और गणेशजी को तरह-तरह के फल अर्पित करके बुरी शक्तियों से रक्षा की प्रार्थना करते हैं।
फ्रांस : गणेश पूजा की परंपरा फ्रांस में भी है। पेरिस के श्री मनिका विनायकर अलायम मंदिर में स्थापित गणेशजी का गणेशोत्सव के दौरान विशेष श्रृंगार किया जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन बड़ा जुलूस निकाला जाता है जिसमें महिला और पुरुष पारंपरिक वेशभूषा में नाचते-गाते निकलते हैं। इसमें महिलाएं सिर पर जलते दीपक लेकर चलती है और पुरुष नारियल फोड़ते हैं।
दक्षिण अफ्रीका
दक्षिण अफ्रीका में जंगली हाथियों से रक्षा के लिए उनके स्वरूप गणेशजी से मिलती-जुलती मूर्ति की पूजा की जाती है। स्थानीय कबिलाई लोग अगस्त माह में ही गणेश चतुर्थी के आसपास जंगल में बड़ा आयोजन करते हैं और इसमें हाथी की बड़ी सी मूर्ति बनाकर उसे कच्चे नारियल, केले और अन्य फल अर्पित करते हैं, ताकि जंगली हाथियों से उनकी रक्षा हो सके।
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