गणेशोत्सव के 10 दिनों में तरक्की के लिए करें ये उपाय
भगवान श्रीगणेश की स्थापना के साथ ही 10 दिवसीय गणेशोत्सव का शुभारंभ हो जाता है। भगवान श्री गणेश रिद्धि, सिद्धि और बुद्धि के दाता तो हैं ही समस्त प्रकार के ग्रह दोषों को दूर करके जातक को सुख-सौभाग्य के शिखर तक पहुंचाने का काम भी श्रीगणेश बहुत कुशलता से करते हैं। यदि आपके जीवन में भी किसी प्रकार का कष्ट चल रहा है। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, विवाह में अड़चनें आ रही हैं, व्यापार-व्यवसाय ठीक से नहीं चल रहा है या किसी प्रकार से कोई शत्रु नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर रहा है तो गणेशोत्सव के दस दिनों में कुछ सटीक प्रयोग किए जा सकते हैं, जिनसे समस्त बाधाएं समाप्त हो जाती हैं।
गणेशोत्सव के 10 दिनों में करें ये काम
गणेशोत्सव के 10 दिनों में से किसी भी लगातार पांच दिनों तक प्रतिदिन गणपति अथर्वशीर्ष के 31 पाठ करें। पाठ करते समय अपने सामने चांदी की एक कटोरी में गंगाजल भरकर रखें। प्रतिदिन पाठ पूरे होने के बाद यह जल स्वयं ग्रहण करें, परिजनों को प्रसाद के रूप में दें और बचा हुआ जल घर के हर कोने में छिड़क दें। यह अत्यंत प्रभावी प्रयोग है। इससे घर की समस्त नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। बुरी नजर से घर बचा रहता है और आर्थिक उन्न्ति होने लगती है।
संतान प्राप्ति के लिए करें ये काम
यदि किसी दंपति को संतान प्राप्ति में बाधा आ रही है या संतान जन्म के बाद से बीमार रहती है तो प्रतिदिन गणेश स्तोत्र का पाठ करें। यह पाठ पति-पत्नी दोनों करें तो ज्यादा अच्छा रहेगा। 10 दिनों तक लगातार पाठ करने के बाद 7 वर्ष से कम आयु के बच्चों को मीठा भोजन कराएं। शीघ्र ही उत्तम संतान की प्राप्ति होगी।
संकटनाशन गणेशस्तोत्र का नियमित पाठ करें
जीवन के समस्त संकटों का नाश करने के लिए नारद पुराण में वर्णित संकटनाशन गणेशस्तोत्र का नियमित पाठ करें। गणेशोत्सव के 10 दिनों तक लगातार यह पाठ नियमित रूप से करें और उसके बाद भी करते रहें। इससे जीवन से संकटों का नाश हो जाता है। यह प्रयोग उन लोगों को अवश्य करना चाहिए जो मनपसंद नौकरी पाना चाहते हैं या बिजनेस में लाभ हासिल करना चाहते हैं।
भगवान गणेश का प्रतिदिन सिंदूर से पूजन करें
वैवाहिक कार्य में बाधा आ रही हो। किसी युवक या युवती का विवाह संबंध तय नहीं हो पा रहा है तो भगवान गणेश का प्रतिदिन सिंदूर से पूजन करें और मौली अर्पित करें। साथ ही 108 दूर्वा प्रतिदिन चढ़ाएं। बेसन की मिठाई का भोग लगाए। इससे शीघ्र विवाह का मार्ग प्रशस्त होता है।
गणेशजी के साथ मां सरस्वती का पूजन करें।
शिक्षा के क्षेत्र में तरक्की की चाह रखने वाले लोग गणेशजी के साथ मां सरस्वती का पूजन करें। प्रतिदिन गणेशजी को पंचामृत का नैवेद्य अर्पित करें और उन्हें हरे रंग के वस्त्र भेंट करें। इससे बुद्धि तीक्ष्ण होती है और शिक्षा के क्षेत्र में सफलता मिलने लगती है।
जन्मकुंडली में दोष के लिए ऐसे करें पूजा
जन्मकुंडली में किसी प्रकार का ग्रह दोष है, कोई अशुभ योग बना हुआ है तो उसकी शांति के लिए गणपति अथर्वशीर्ष की 108 आवृत्ति से भगवान श्रीगणेश का पंचामृत से अभिषेक करें।