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विजयादशमी: आ रहा है स्वयंसिद्ध मुहूर्त, इस दिन शुरू किया काम कभी नहीं होगा फेल

By Pt. Gjendra Sharma
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नई दिल्ली। हिंदू धर्म में प्रत्येक कार्य का प्रारंभ करने से पहले शुभ मुहूर्त देखने की परंपरा है। इसके लिए प्रत्येक दिन के हिसाब से चौघड़िया बनाया गया है जिसमें शुभ-अशुभ समय की जानकारी रहती है। लेकिन वर्ष में साढ़े चार दिन ऐसे होते हैं जिनमें किसी भी प्रकार की पंचांग शुद्धि देखने की आवश्यकता नहीं है, इन साढ़े चार दिनों में किए जाने वाले प्रत्येक कार्यों में सफलता मिलती है। इन्हें स्वयंसिद्ध मुहूर्त कहा जाता है।

ये साढ़े चार शुभ दिन हैं

  • चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, गुड़ी पड़वा, चैत्र नवरात्रि का प्रथम दिन
  • वैशाख शुक्ल तृतीया, अक्षय तृतीया
  • आश्विन शुक्ल दशमी, विजयादशमी, दशहरा
  • कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा का प्रथम भाग (आधा दिन)
  • कार्तिक शुक्ल एकादशी, देवोत्थान एकादशी

स्वयंसिद्ध मुहूर्त

स्वयंसिद्ध मुहूर्त

स्थानभेद के अनुसार कई अन्य दिनों को भी स्वयंसिद्ध मुहूर्त में गिना जाता है, लेकिन ये साढ़े चार मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ बताए गए हैं। इन दिनों में कोई नया कार्य प्रारंभ किया जा सकता है, लेकिन साथ ही यह भी मत है कि विवाह कार्य में पंचांग देखना उचित रहता है।

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विजयादशमी पर करें ये काम

विजयादशमी पर करें ये काम

  • साढ़े चार शुभ दिनों में से एक विजयादशमी भी है जो 18-19 अक्टूबर को आ रही है। इस दिन कुछ विशेष कार्य करके अपने जीवन को सुखमय बनाया जा सकता है।
  • सर्वत्र विजय के लिए विजयादशमी के दिन प्रात: सूर्योदय के समय किसी पवित्र नदी के जल से स्नान करें। स्नान के जल में थोड़ा सा चंदन डाल लें। इस जल से स्नान करने से अशुभ ग्रहों की पीड़ा समाप्त होती है और व्यक्ति को हर कार्य में विजय हासिल होती है।
  • विजयादशमी के दिन हनुमानजी की आराधना का बड़ा महत्व है

    विजयादशमी के दिन हनुमानजी की आराधना का बड़ा महत्व है

    • विजयादशमी के दिन हनुमानजी की आराधना का बड़ा महत्व है। इस दिन किसी एकांत या निर्जन स्थान के हनुमान मंदिर में जाकर साफ-सफाई करें। हनुमानजी को चोला चढ़ाएं और गुड़ चने का नैवेद्य लगाकर कर्पूर और लौंग से आरती करें। इससे हनुमान का ईष्ट प्राप्त होता है। फिर किसी कार्य में बाधा नहीं आती।
    • विजयादशमी के दिन भोजपत्र पर केसर की स्याही और आम की लकड़ी की कलम बनाकर श्रीचक्र बनाएं। इसके चारों ओर केसर से नौ बिंदी लगाकर, पंचोपचार पूजन कर, चांदी की डिबिया में भरकर रखें। इससे अखंड लक्ष्मी की प्राप्ति होगी
    • शत्रु परेशान कर रहे हों, कोर्ट में मुकदमा चल रहा हो तो विजयादशमी के दिन शाम के समय भोजपत्र पर शत्रु का नाम लिखकर गूलर वृक्ष की जड़ में चुपचाप दबा आएं।

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English summary
Dussehra or Vijaya Dashmi is celebrated across the country on the 10th day of the bright fortnight of the month of Ashwin.Read Some Important facts about Abuj Muhurat (Swayam Siddhi Muhurat).
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