Diwali 2018: नरक चतुर्दशी और बजंरग-बली का क्या है कनेक्शन?
नई दिल्ली। इस बार 18 अक्टूबर को छोटी दिवाली है, इसे नरक चतुर्दशी भी कहते हैं। लोग इस दिन अपने घर के सभी बेकार चीजों और कबाड़ को घर से बाहर निकालते हैं और अपने घर को साफ करते हैं। मान्यता के मुताबिक इस दिन को भगवान हनुमान के जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता हैं। दरअसल अलग-अलग भाषाओं में लिखी रामायण के कई अंको में भगवान राम के भक्त महावीर हनुमान जी का जन्म दीपावली के एक दिन पहले नरक चतुर्दशी बताया गया है। हनुमान जी को रूद्र का ग्याहरवां अवतार माना गया है। कार्तिक के कृष्ण चतुर्दशी को पवनपुत्र हनुमान की जयंती मनाई जाती है। इस दिन भगवान अपने भक्तों के ऊपर बहुत जल्द प्रसन्न होते है इसलिए इस दिन इनकी पूजा बड़े ही विधि-विधान से करनी चाहिए।
कहा जाता है कि हनुमान जी को गुस्सा नहीं आता है इसलिए जो लोग बहुत ज्यादा गुस्सा करते हैं उन्हें हनुमान जी की उपासना करने की सलाह दी जाती है। हनुमान जी को बजरंग-बली इसलिए कहते हैं क्योंकि इनका शरीर एक वज्र की तरह मजबूत है। कुछ पुराणों में उल्लेख है कि भगवान हुनुमान जी आजीवन ब्रह्मचारी नहीं थे, उनकी पत्नी का नाम सुवरचला (Suvarchala) था जो कि सूर्य की पुत्री थी, क्योंकि सुवरचला ने योनी से जन्म नहीं लिया था इसलिए उनके स्वरूप का वर्णन कहीं नहीं मिलता।
दीपदान करें....
नर्क चतुर्दशी को मृत्यु के देवता यमराज की पूजा की जाती है और उनके लिए 14 दीपों का दान किया जाता है। यहां दीपों का दान करने से तात्पर्य है किसी पवित्र नदी या तालाब में दीप जलाकर छोड़ना। शास्त्रों का मत है कि नर्क चतुर्दशी के दिन दीपों का दान करने से व्यक्ति पर अकाल मृत्यु का संकट टल जाता है और उसे व उसके परिवार को आयु और आयोग्य प्राप्त होता है।
Read Also:दीपावली 2018: अकाल मृत्यु का भय टालने के लिए नर्क चतुर्दशी पर करें दीपदान