देवशयनी एकादशी: इस साल देव के उठने के बाद भी नहीं होंगे विवाह!
नई दिल्ली। 23 जुलाई को देवशयनी एकादशी के दिन से विवाह बंद हो जाएंगे। इसके चार माह बाद देवउठनी एकादशी के दिन से विवाह प्रारंभ हो जाते हैं, लेकिन इस साल देव उठने के बाद भी विवाह के मुहूर्त नहीं है। कारण, गुरु का अस्त होना। देवउठनी एकादशी 19 नवंबर 2018 को है। इससे पहले कार्तिक शुक्ल षष्ठी 13 नवंबर से गुरु अस्त हो जाएंगे। गुरु के अस्त काल में विवाह नहीं होते हैं। गुरु मार्गशीर्ष शुक्ल प्रतिपदा 8 दिसंबर को उदय होंगे। उसके बाद ही विवाह कार्य प्रारंभ होंगे, लेकिन इसमें भी मलमास बाधा बनेंगे।
गुरु के अस्त होने के तीन दिन पूर्व गुरु का वार्धक्य काल रहता है और उदय होने के तीन दिन बाद तक बाल्यत्व कालावधि रहती है। अतः गुरु अस्त होने के तीन दिन पहले और उदय होने के तीन दिन बाद तक भी कोई मांगलिक कार्य, खासकर विवाह नहीं किया जाता है। वैवाहिक कार्यों के लिए गुरु का शुभ स्थिति में और उदय होना चाहिए। तभी विवाह सफल होता है।
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गुरु उदय होने के बाद विवाह का पहला शुद्ध मुहूर्त पौष शुक्ल एकादशी गुरुवार 17 जनवरी 2019 को होगा। मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी 12 दिसंबर और मार्गशीर्ष शुक्ल षष्ठी 13 दिसंबर को भी विवाह के मुहूर्त हैं, लेकिन वे अशुद्ध मुहूर्त हैं।
मलमास 16 दिसंबर से
मार्गशीर्ष शुक्ल नवमी 16 दिसंबर 2018 को सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने के साथ ही मलमास प्रारंभ हो जाएगा जो पौष शुक्ल अष्टमी 14 जनवरी 2019 तक चलेगा। अतः मलमास में भी विवाह नहीं किए जाते हैं।
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