Dandaropini Purnima 2021: जानिए मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
नई दिल्ली। 27 फरवरी 2021, शनिवार, माघी पूर्णिमा पर पिछले एक माह से चल रहा माघ स्नान का पर्व पूर्ण हो जाएगा। इस दिन होलिका दहन के लिए दांडा रोपा जाता है, जिसे अगली पूर्णिमा अर्थात् फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होलिका दहन के दिन जलाया जाता है। माघ पूर्णिमा से फाल्गुन पूर्णिमा तक का एक माह का समय तंत्र-मंत्र की सिद्धियों के लिए विशेष होता है। तांत्रिकों- मांत्रिकों के लिए यह माह गुप्त साधनाएं करने और शक्तियां प्राप्त करने का सुवर्ण अवसर रहता है। दांडा रोपे जाने के बाद से गर्भवती स्ति्रयों के नदी-नाले पर करने, यात्राएं करने और अकेले कहीं आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है। ऐसा गर्भवती स्त्री और उसके गर्भ में पल रहे शिशु की तंत्र-मंत्र आदि से रक्षा के लिए किया जाता है।
माघ स्नान के पूर्ण होने पर क्या करें
- माघ पूर्णिमा का दिन पूरे एक माह के माघ स्नान के समापन का दिन होता है। यदि आपने प्रतिदिन पवित्र नदियों में स्नान किया है तो वहीं अंतिम दिन का स्नान भी करें। यदि घर में स्नान किया है तो पानी में गंगा आदि पवित्र नदियों का जल डालकर स्नान करें।
- इस दिन किसी पंडित-पुरोहित से माघ स्नान की पूर्णाहुति पूजा और हवन आदि संपन्न करवाए।
- ब्राह्मण दंपती को भोजन करवाकर यथा शक्ति दान-दक्षिणा, वस्त्रादि भेंट करके आशीर्वाद लें।
- इस दिन गरीबों, जरूरतमंदों को भोजन करवाने का बड़ा पुण्य प्राप्त होता है।
- गायों को हरा चारा खिलाना, पंछियों के लिए दाना-पानी का प्रबंध करना चाहिए।
- माघ पूर्णिमा के दिन भगवान शिव का पंचामृत अभिषेक करने से समस्त ऐश्वर्य प्राप्त होते हैं।
- पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी को मिश्री मखाने की खीर का नैवेद्य लगाने से धन-धान्य प्राप्त होते हैं।
- चंद्र से जुड़े दोष समाप्त करने के लिए व्रत रखें, रात्रि में चंद्र को अर्घ्य दें।
गर्भवती महिलाएं रहें सावधान
फाल्गुन माह तंत्र-मंत्र क्रियाओं के लिए होता है। इस माह में लोग अनेक प्रकार की तंत्र क्रियाएं करते हैं। इसलिए इस माह में गर्भवती स्ति्रयों के बाहर आने-जाने, यात्राएं करने आदि पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है ताकिगर्भिणी और गर्भस्थ शिशु की रक्षा हो सके। गर्भिणी को सलाह दी जाती है किवे अपने पुराने वस्त्र, कटे नाखून-बाल आदि यहां-वहां न फेंके, उनका प्रयोग आपका शत्रु तंत्र क्रियाओं में कर सकता है। इस माह में सगाई, मुंडन आदि शुभ कार्य जब तक अत्यंत आवश्यक न हो तब तक नहीं किए जाते हैं।
27 फरवरी 2021, शनिवार को दांडा रोपने का मुहूर्त
- इस दिन पूर्णिमा तिथि दोपहर 1 बजकर 48 मिनट तक ही रहेगी, इसलिए दांडा इस समय तक रोपा जाना उचित रहेगा। वैसे सूर्योदय व्यापिनी तिथि लेने के कारण पूरे दिन में शुभ मुहूर्त में दांडा रोपा जा सकता है।
- अभिजित मुहूर्त : दोपहर 12.17 से 1.03 बजे तक
- शुभ : प्रात: 8.19 से 9.46 बजे तक
- चर, लाभ, अमृत : दोपहर 12.40 बजे से सायं 5.01 बजे तक
यह पढ़ें: क्या सिर्फ गुण मिलान के बाद ही कर लेना चाहिए विवाह?