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#MerryChristmas: कौन है जीज़स क्राइस्ट, क्यों मनाते हैं हम क्रिसमस?

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Christmas 15 interesting facts | क्रिसमस से जुड़ी 15 रोचक बातें | Boldsky

पुरी। क्रिसमस खुशियों और प्यार का पर्व है, सभी इस दिन अपनी तरह से सेलिब्रेट करते हैं, क्रिसमस का त्योहार हर साल दिसंबर की 25 तारीख को मनाया जाता है क्योंकि प्रभु ईसा मसीह का जन्म इसी शुभ तिथि में हुआ था । क्रिसमस से 12 दिन के उत्सव क्रिसमसटाइड की भी शुरुआत होती है। एन्नो डोमिनी काल प्रणाली के आधार पर यीशु का जन्म, 7 से 2 ई.पू. के बीच हुआ था। ब्रिटेन और अन्य राष्ट्रमंडल देशों में क्रिसमस से अगला दिन यानि 26 दिसम्बर 'बॉक्सिंग डे' के रूप मे मनाया जाता है। कुछ कैथोलिक देशों में इसे 'सेंट स्टीफेंस डे' या 'फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस' भी कहते हैं। आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च 6 जनवरी को क्रिसमस मनाता है तो जुलियन कैलेंडर 25 दिसम्बर को क्रिसमस मनाता है।

 ईसा का जन्म

ईसा का जन्म

ईसा की माता मरियम गलीलिया प्रांत के नाज़रेथ गांव की रहने वाली थीं। उनकी सगाई दाऊद के राजवंशी यूसुफ नामक बढ़ई से हुई थी। विवाह के पहले ही वह कुंवारी रहते हुए ही ईश्वरीय प्रभाव से गर्भवती हो गईं थीं। ईश्वर की ओर से संकेत पाकर यूसुफ ने उन्हें पत्नीस्वरूप ग्रहण किया।

यूसुफ गलीलिया

यूसुफ गलीलिया

इस प्रकार जनता ईसा की अलौकिक उत्पत्ति से अनभिज्ञ रही। विवाह संपन्न होने के बाद यूसुफ गलीलिया छोड़कर यहूदिया प्रांत के बेथलेहेम नामक नगरी में जाकर रहने लगे, वहीं ईसा का जन्म हुआ।

ईसा का जन्म

ईसा का जन्म

ईसा या यीशु मसीह या जीज़स क्राइस्ट को ईसाई लोग परमपिता परमेश्वर का पुत्र और ईसाई त्रिएक परमेश्वर का तृतीय सदस्य मानते हैं। तीस साल की उम्र में ईसा ने इस्राइल की जनता को यहूदी धर्म का एक नया रूप प्रचारित करना शुरु कर दिया था।

स्वर्ग और मुक्ति का मार्ग

स्वर्ग और मुक्ति का मार्ग

यहूदी ईश्वर की परमप्रिय नस्ल नहीं है, ईश्वर सभी मुल्कों को प्यार करता है। इंसान को क्रोध में बदला नहीं लेना चाहिए और क्षमा करना सीखना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वे ही ईश्वर के पुत्र हैं, वे ही मसीह हैं और स्वर्ग और मुक्ति का मार्ग हैं।

कर्मकांडों से प्यार

कर्मकांडों से प्यार

यहूदियों के कट्टरपन्थी रब्बियों (धर्मगुरुओं) ने ईसा का भारी विरोध किया। उन्हें ईसा में मसीहा जैसा कुछ ख़ास नहीं लगा। उन्हें अपने कर्मकाण्डों से प्रेम था इसलिये उन्होंने उस वक़्त के रोमन गवर्नर पिलातुस को इसकी शिकायत कर दी।

सूली पर लटका दिया

सूली पर लटका दिया

रोमनों को हमेशा यहूदी क्रान्ति का डर रहता था इसलिये कट्टरपन्थियों को प्रसन्न करने के लिए पिलातुस ने ईसा को क्रूस (सलीब) पर मौत की सजा सुनाई और उन्हें सूली पर लटका दिया।

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English summary
Christmas is celebrated as the birthday of Jesus Christ who is considered the son of God by Christians.Here is some Interesting Facts about this Festivals.
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