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Chhath Puja 2020: 'खरना' आज, सूर्यदेव को लगेगा गुड़ के खीर का भोग फिर शुरू होगा 36 घंटे का निर्जला व्रत

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Chhath Puja (Kharna Tody): इस वक्त पूरा बिहार लोक आस्था के महापर्व 'छठ' के रंग में रंगा हुआ है, महापर्व की शुरुआत बुधवार से हो चुकी है, आज छठ का दूसरा दिन है, जिसे कि 'खरना' कहते है। आज सूर्यदेव को भोग लगाने के बाद से 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाएगा। आज लोग पूरे दिन का उपवास रखेंगे और शाम को सूर्यदेव का भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण करेंगे,आज के भोजन में गुड़ की खीर खाने की परंरपरा है, साथ में आटे की मोटी रोटी भी खाई और बांटी जाती है।

 खरना आज, सूर्यदेव को लगेगा चावल और गुड़ के खीर का भोग

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छठ की पूजा में स्वच्छता का काफी ख्याल रखा जाता है, 'खरना' का भोजन मिट्टी के चूल्हे में बनाया जाता है , इसके लिए घर की महिलाएं घर का वो कोना चुनती हैं, जहां पर शोर ना हो और आने-जाने वाले लोग भी कम हो, ये एरिया बहुत शांत होता है, खाने में साठी के चावल का प्रयोग किया जाता है, खीर के अलावा मूली, केला भी प्रसाद में प्रयोग होता है, चूल्हे में सूखी लकड़ी का प्रयोग होता है, इस प्रसाद को खाने के बाद ही 36 घंटे का कठिन व्रत शुरू हो जाता है, जो कि सूर्य भगवान को सुबह अर्ध्य देने के बाद ही खत्म होगा।

सूर्यदेव को भोग लगाने के बाद शुरू होगा 36 घंटे का निर्जला व्रत

पहला अर्ध्य कल शाम डूबते सूर्य को शाम 5 बजकर 25 मिनट को दिया जाएगा तो वहीं दूसरा अर्ध्य 21 नवंबर को सुबह 6 बजकर 48 मिनट दिया जाएगा। आपको बता दें कि 'छठ पूजा' मुख्य रूप से संतान के लंबी आयु के लिए रखा जाता है, वैसे सूर्य देव की उपासना करने से लोगों को न, मान-सम्मान, सुख-समृद्धि, उत्तम संतान की प्राप्ति होती हैं। ये अकेला ऐसा व्रत है , जिसमें डूबते हुए सूरज और उगते हुए सूरज दोनों की पूजा की जाती है। इस बार कोरोना महामारी की वजह से छठ पूजा के लिए सरकार की ओर से गाइ़डलाइन जारी किए गए हैं, जिनका पालन करना हर किसी को बहुत जरूरी है।

ये हैं निर्देश

  • घाटों पर किसी को नदी में डुबकी लगाने की इजाजत नहीं है।
  • पूजा स्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन किया जाए।
  • हर किसी को पूजा स्थल पर मास्क का प्रयोग अनिवार्य होगा।
  • पूजा स्थल पर महिलाओं के लिए चेंज रूम बनाए जाएंगे।
  • 60 साल के ऊपर के उम्र के व्यक्ति और 10 साल से कम उम्र के बच्चों को घाट पर आने की मनाही है।
  • घाटों में पानी के बहाव की समुचित व्यवस्था की जाए।
  • पूजा स्थल पर जानबूझकर भीड़ नहीं जुटनी चाहिए।

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English summary
The second day of Chhath is known as Kharna. On this day fasting without water is observed from the sunrise to the sunset. Read puja vidhi, Bhog and importance.
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