Chhath Puja 2020: लोक आस्था के महापर्व छठ की शुरुआत आज से, जानिए नहाए-खाए के बारे में
Chhath Puja 2020: लोक आस्था के महापर्व छठ के चार दिवसीय अनुष्ठान की शुरुआत आज से हो रही है, आज है नहाय-खाए। बता दें कि छठ पूजा करने का उद्देश्य जीवन में सूर्यदेव की कृपा पाना है। सूर्य की कृपा से आयु और आरोग्य की प्राप्ति होती है। धन, मान-सम्मान, सुख-समृद्धि, उत्तम संतान की प्राप्ति के लिए छठ पूजा की जाती है।
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तिथि दिन छठ व्रत समय
- 18 नवंबर बुधवार नहाय-खाय 5.15 सुबह के बाद
- 19 नवंबर गुरुवार खरना 4.56 शाम के बाद
- 20 नवंबर शुक्रवार डूबते सूर्य को अर्घ्य 5.26 शाम
- 21 नवंबर शनिवार उगते सूर्य को अर्घ्य 6.49 सुबह
आपको बता दें कि यह एकमात्र ऐसा पर्व है जिसमें ना केवल उदयाचल सूर्य की पूजा की जाती है बल्कि अस्ताचलगामी सूर्य को भी पूजा जाता है। आज घर की सफाई करके व्रती लोग पवित्र तरीके से कद्दू की सब्जी, चने की दाल और चावल का सेवन करने के बाद व्रत की शुरुआत करते हैं।
क्यों कहा जाता है इसे छठ?
सूर्य षष्ठी व्रत होने के कारण इसे छठ कहा जाता है। यह पर्व लगातार चार दिनों तक मनाया जाता है। दरअसल छठ एक विशेष खगोलीय अवसर है, इस समय सूर्य की पराबैंगनी किरणें पृथ्वी पर अधिक मात्रा में पड़ती हैं, जो मनुष्य के तन व मन को शुद्ध करने के लिए काफी उपयोगी सिद्ध होती है।
- पहला दिन : सबसे पहले स्नान-ध्यान करके शुद्ध शाकाहारी भोजन देशी घी और सेंधा नमक से बना हुआ अरवा चावल और कददू की सब्जी को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है।
- दूसरा दिन:लोहंडा और खरना कार्तिक शुक्ल पंचमी को व्रत रखने वाले जातक उपवास रखने के बाद शाम को भोजन ग्रहण करते है। इसे खरना कहा जाता है।
- तीसरा दिन: शाम को बॉस की टोकरी में अर्घ्य का सूप सजाया जाता है और व्रत के साथ परिवार के लोग अस्ताचलगामी सूर्य को जल में दूध मिश्रित अर्घ्य अर्पण करते है
- चौथा दिन: अंतिम दिन कार्तिक शुक्लसप्तमी के दिन सुबह के समय उगते हुये सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।