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Chhath Puja 2018: आज दिया जाएगा सूर्य देवता को पहला अर्घ्‍य, जानिए क्या है समय

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पटना। इस समय बिहार समेत पूरा उत्तर भारत लोक आस्था के महापर्व छठ के रंग में रंगा हुआ है। सोमवार को खरना होने के बाद 36 घंटे का व्रत शुरू हो गया था। आज शाम सूर्य भगवान को पहला अर्घ्य दिया जाएगा, इसके बाद 14 नवंबर यानी की कल सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ पूजा का समापन होगा।

 13 नवंबर को प्रथम अर्ध्य

13 नवंबर को प्रथम अर्ध्य

आज शाम प्रथम अर्घ्य 05 बजकर 25 मिनट पर दिया जाएगा। यह अर्घ्य ही सूर्य पूजा का आरंभ है। प्रथम अर्घ्य के बाद अगली सुबह का अर्घ्य प्रातः कालीन उदित सूर्य का होता है। पानी में खड़े होकर यह अर्घ्य दिया जाता है। प्रथम अर्घ्य और द्वितीय अर्घ्य के बीच का समय ही तप का होता है जिसमें हम छठ माता को प्रसन्न करते हैं।

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क्या है 'अर्ध्य' का अर्थ?

क्या है 'अर्ध्य' का अर्थ?

मालूम हो कि लोकआस्था का पर्व छठ की काफी मान्यता है, अथर्ववेद के अनुसार षष्ठी देवी भगवान भास्कर की मानस बहन हैं। भगवान सूर्य तेजस्वी और यशस्वी पुत्र देते हैं। अस्तांचल और उदित सूर्य दोनों की पूजा छठ में होती है।

उदित सूर्य एक नए सवेरा का प्रतीक है....

उदित सूर्य एक नए सवेरा का प्रतीक है....

उदित सूर्य एक नए सवेरा का प्रतीक है, अस्त होता हुआ सूर्य केवल विश्राम का प्रतीक है इसलिए छठ पूजा के पहले दिन अस्त होते हुए सूर्य को पहला अर्घ्य देते हैं, जो लोगों को ये बताता है कि दुनिया खत्म नहीं हुई, कल फिर सवेरा होगा।

पूरे बिहार का माहौल भक्तिमय

पूरे बिहार का माहौल भक्तिमय

आपको बता दें कि इस वक्त बिहार के शहरों से लेकर गांवों तक में छठी मइया के गीत गूंज रहे हैं। इस त्योहार के लिए पूरे बिहार में सुरक्षा और सफाई की चाक-चौबंध इंतजाम किए गए हैं। आपको बता दें कि पटना के गंगा घाटों पर व्रती भगवान भास्कर को अघ्र्य देंगे। पटना के गंगा तटों की सुरक्षा के लिए 5000 पुलिस जवानों की तैनाती की गई है।

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English summary
The Third day Chhath puja prasad is being prepared on this day. A bamboo basket is decorated with Prasad and fruits. By worshipping a basket, the fasting women go to the pond, river, or the ghat to worship the sun during sunset by standing in the water.
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