रात को श्रीकृष्ण आते हैं या नहीं, यह पता लगाने वृंदावन के वन में आ छिपी बिहार की मेडिकल छात्रा, जानें फिर क्या ?
मथुरा/वृंदावन. भगवान श्रीकृष्ण ब्रजभूमि के एक वन में आज भी रास रचाने आते हैं, ऐसी मान्यता के बारे में खुद की जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए एक युवती अपने घर बिना किसी को बताए, बिहार से वृंदावन आ गई। यहां आकर उसने शाम तक निधिवन में दर्शन किए। उसने निधिवन के बारे में यह सुन रखा था कि रोज रात को निधिवन में श्रीकृष्ण रास रचाने के लिए प्रकट होते हैं। ऐसे में खुद रास देखने के लिए वह रात होने से पहले ही निधिवन के अंदर बैठ गई। उधर, रात होने से पहले निधिवन के पुजारी और अन्य कर्मचारी दर्शनार्थियों को निधिवन से निकालने लगे। तभी सेवायत गोस्वामी को वह बिहार की युवती निधिवन में छिपी दिखी।
रात को श्रीकृष्ण आते हैं या नहीं, यह पता लगाने को छिपी वन में
गोस्वामी भीकचंद ने युवती को आवाज दी और उसे वन से बाहर आने को कहा। मगर, वो झाड़ियों से बाहर आने को तैयार नहीं हुई। उसने कहा कि मैं ये देखने आई हूं कि श्रीकृष्ण आज भी रास रचाते हैं या नहीं। तब गोस्वामी ने कहा कि रात को इस वन में कोई नहीं रहता। रात होने से पहले ही यहां से सभी दर्शनार्थी बाहर हो जाते हैं। ऐसे में तुम भी यहां नहीं रहोगी। युवती ने फिर कहा कि नहीं रास की सचाई पता करनी है, तो मैं यहीं रुकूंगी।'
पुजारी ने देख लिया, लेकिन वह बाहर निकलने को तैयार नहीं हुई
युवती को जिद करते देख वहां भीड़ लगने लगी। इसी बीच पुलिस एवं सामाजिक कार्यकर्ता पहुंच गए। एक सामाजिक कार्यकर्ता की मदद से युवती को बाहर निकाला गया। फिर, पूछताछ में युवती ने सारी बात बताई। उसने बताया कि वह मेडिकल की स्टूडेंट है और बिहार की रहने वाली है। डिग्री कालेज की प्रवक्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मी गौतम के मुताबिक, वह युवती इन दिनों मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रही है। वह स्वास्थ्य जांच के नाम पर पिता से डेढ़ हजार रुपये लेकर वृंदावन चली आई थी।
युवती ने कहा- मैं तो कान्हा का रास देखकर ही घर लौटूंगी
हालांकि, उस युवती ने घर पर यह नहीं बताया कि वो निधिवन देखेगी। उस युवती ने वृंदावन में शनिवार-रविवार को भी मंदिर में रुकने का प्रयास किया था, लेकिन पुजारियों ने रुकने नहीं दिया। जिसके बाद उसने निधिवन में छुपने की ठानी।
पटना से आई थी छात्रा, उसके माता-पिता उसे वापस ले गए
वृन्दावन कोतवाली के प्रभारी फूलचंद वर्मा का कहना है कि हमने उस युवती के बारे में पता किया है। वह पटना से आई थी। उसके पिता दाल के व्यापारी हैं। सोमवार को उसे निधिवन से बाहर निकालने के बाद महिला सामाजिक कार्यकर्ता की सुपुर्दगी में देकर पिता का इंतजार करने को कहा गया था। सूचना मिलने पर आज उसके पिता बिहार से वृंदावन पहुंचे तो युवती को उनके सुपुर्द कर दिया गया।
निधिवन में रात को क्यों लोग नहीं रुकते, क्या हैं इसकी मान्यताएं?
निधिवन के बारे में यह मान्यताएं रही हैं कि यहां रात में श्रीकृष्ण गोपियों के साथ रासलीला रचाते हैं। शरद पूर्णिमा की रात, निधिवन में प्रवेश पूरी तरह वर्जित रहता है। दिन में श्रद्धालु प्रवेश कर सकते हैं, कोई रोक नहीं है। मगर, शाम होते ही निधिवन को खाली करा दिया जाता है। ऐसा सिर्फ निधिवन ही नहीं, बल्कि थोड़ी दूर स्थित सेवाकुंज में भी होता है। वहां भी कृष्ण के रास रचाने की मान्यता हैं, जहां राधा रानी का प्राचीन मंदिर है। क्लिक कर निधिवन के बारे में जानिए।
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