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जानिए भीम ने कैसे पाया आठ हजार हाथियों का बल!

By पं.गजेंंद्र शर्मा
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नई दिल्ली। महाभारत भारत की ऐसी पौराणिक और ऐतिहासिक धरोहर है, जिसमें अनगिनत कथाएं बसती हैं और हर कथा अपना एक ऐसा ठोस आधार प्रस्तुत करती है कि उसे झुठलाना असंभव हो जाता है।

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महाभारत के सबसे शक्तिशाली पात्र हैं भीम। शारीरिक शक्ति में उनका कोई जोड़ नहीं है। कहा जाता है कि भीम में आठ हजार हाथियों के बराबर बल था। क्या एक मनुष्य में इतना शारीरिक बल होना संभव है?

आइए, आज जानें भीम के महान बलशाली बनने की कथा-

गदा को अपना अस्त्र चुना

गदा को अपना अस्त्र चुना

बात उस समय की है जब राजा पांडु के स्वर्गवास के बाद महारानी कुंती अपने पांचों पुत्रों के साथ हस्तिनापुर वापस आ चुकी थीं और इस समय तक सौ कौरवों का जन्म भी हो चुका था। कौरवों के ज्येष्ठ पुत्र दुर्योधन को पांचों पांडव फूटी आंख नहीं सुहाते थे। इनमें से भी भीम उसकी आंख का कांटा था, जिसे वह किसी भी प्रकार निकाल देना चाहता था। इसकी वजह यही थी कि दोनों ही शारीरिक बल में टक्कर के थे और दोनों ने ही युद्ध के लिए गदा को अपना अस्त्र चुना था। दुर्योधन गदा संचालन और द्वंद्व युद्ध में हमेशा भीम से हार जाता था। इसी कारण वह मन में भीम के प्रति बैर पाल चुका था।

निमंत्रण दिया

निमंत्रण दिया

इसी क्रम में एक बार पांडव और कौरव भाई अवकाश मनाने जंगल में गए। दुर्योधन ने अपने भाइयों के साथ बैठकर तय कर लिया कि इस प्रवास पर ही भीम से छुटकारा पा लेना है। भीम के भोजन प्रेम से भी सभी परिचित थे। दुर्योधन ने भीम की इसी कमजोरी को निशाना बनाया। एक दिन उसने भीम की पसंद के सभी पकवान बनवाकर उसे भोजन का निमंत्रण दिया।

मूर्छा की दवा मिलाई

मूर्छा की दवा मिलाई

भीम यह नहीं जानता था कि भाई का बैर इस सीमा तक बढ़ चुका है कि वह उसके प्राण ही हर लेना चाहता है। भीम ने सहर्ष निमंत्रण स्वीकार कर लिया और जमकर भोजन कर लिया। उसे पता ही नहीं चला कि दुर्योधन ने भोजन में मूर्छा की दवा मिलाई हुई थी। भीम के बेहोश होते ही दुर्योधन ने अपने भाइयों के साथ रस्सियों से उसके हाथ-पैर बांध दिए और उसे पास के सरोवर में फेंक दिया। इसके बाद सभी भाई पांडवों के साथ आखेट में शामिल हो गए।

सरोवर के तल तक

सरोवर के तल तक

इधर रस्सियों से बंधा भीम मूर्छा की हालत में अपने वजन के कारण सरोवर के तल तक चला गया। सरोवर में यक्षों का वास था। यक्षों ने भीम को बंदी बनाकर अपने राजा के सामने प्रस्तुत किया। बालक को मूर्छित पाकर राजा ने उसका उपचार करवाया और होश में आने पर उससे उसका परिचय लिया। परिचय की कडि़यां जुड़ने पर यक्षराज ने पाया कि भीम तो उसका नाती लगता है। वह भीम के शारीरिक सौष्ठव से बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने उसे एक छोटे मटके में एक पेय पीने को दिया। पेय काफी स्वादिष्ट था और पानी में लंबे समय तक डूब कर भीम की भूख जाग चुकी थी।

आठ हजार हाथियों के बराबर ताकत

आठ हजार हाथियों के बराबर ताकत

यक्षराज ने कहा कि वह जितना अधिक पेय पी सके, पी ले। उसके बाद ही उसका रहस्य बताया जाएगा। भीम एक के बाद एक आठ मटकी पेय पी गया। उसकी क्षमता से राजा बहुत प्रसन्न हुए और बताया कि इस एक मटकी के पेय में एक हजार हाथियों का बल है। इसके अनुसार भीम आठ मटकी पेय पी चुका था। भीम के नाना ने उन्हें समझाया कि उनके आस-पास षडयंत्रों का जाल बिछा है, इसलिए उन्हें कुछ भी बिना सोचे समझे नहीं खाना है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि अब भीम के पास आठ हजार हाथियों के बराबर ताकत है। संसार में शायद ही कोई अब शारीरिक बल में उसी के बराबर खड़ा हो सकता है। इस तरह अपने नाना के रहस्यमयी पेय को पीकर भीम महाशक्तिशाली बन गए और उनके गदा प्रहारों का सामना कर पाने वाला संसार में कोई ना बचा।

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English summary
In the Hindu epic Mahabharata, Bhima is the second of the Pandavas. The Mahabharata relates many events which portray the immense might of Bhima.
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