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भाद्रपद पूर्णिमा 24 सितंबर को, भगवान सत्यनारायण की करें पूजा, धन से भर जाएंगे भंडार

By Pt. Gajendra Sharma
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नई दिल्ली। वैसे तो वर्ष के समस्त महीनों में आने वाली पूर्णिमा खास होती है, लेकिन भाद्रपद माह की पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। माना जाता है कि इस पूर्णिमा के दिन से वर्षा ऋ तु का समापन हो जाता है और इसी दिन से पितृपक्ष प्रारंभ होता है। यह पूर्णिमा भगवान सत्यनारायण की पूजा के लिए सभी पूर्णिमा में सबसे उत्तम मानी गई है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान धर्म का अनंत गुना फल प्राप्त होता है। इस दिन हिंदू स्त्रियां व्रत भी रखती हैं जिसे भाद्र पूर्णिमा व्रत कहा जाता है। इस वर्ष यह पूर्णिमा 24 सितंबर को आ रही है। इस दिन पूर्णिमा का उपवास और पूर्णिमा का श्राद्ध भी किया जाएगा। 24 सितंबर को पूर्णिमा तिथि प्रात: 7.18 बजे से प्रारंभ होकर अगले दिन यानी 25 सितंबर को प्रात: 8.22 बजे तक रहेगी।

कैसे करें भाद्रपद पूर्णिमा व्रत

कैसे करें भाद्रपद पूर्णिमा व्रत

भाद्रपद पूर्णिमा व्रत करने वाले स्त्री-पुरुष ब्रह्ममुहूर्त में उठकर या तो पवित्र नदियों में स्नान करें या घर में ही नहाने के पानी में गंगा, नर्मदा आदि पवित्र नदियों का जल डालकर स्नान करें। इसके बाद साफ-स्वच्छ वस्त्र धारण कर पूजा स्थल पर साफ कपड़े से पोंछा लगाकर उसे शुद्ध कर लें। इसके बाद अपने चारों ओर गंगाजल छिड़कें। पूजा स्थल पर सामने एक लकड़ी के पटिए पर लाल या पीला वस्त्र बिछाकर उस पर भगवान सत्यनारायण की प्रतिमा या तस्वीर रखें। पूजा में पंचामृत का विशेष महत्व होता है। दूध, दही, घी, शहद और शकर मिलाकर पंचामृत तैयार करें। प्रसाद में चूरमा जरूर रखें और फलों में केले चढ़ाएं। पूजन से पूर्व अपनी विशेष कामना की पूर्ति के लिए संकल्प लें।

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भगवान सत्यनारायण की पूजा

भगवान सत्यनारायण की पूजा

विधि-विधान से भगवान सत्यनारायण की पूजा करके सत्यनारायण की कथा सुनें। कथा के बाद आरती करें और प्रसाद वितरण करें। दिनभर अन्न् ग्रहण न करें। अपनी आवश्यकतानुसार फलों का सेवन करें। सूर्यास्त के बाद कुछ भी ग्रहण न करें, जल भी नहीं। रात्रि में चंद्रमा के दर्शन करें, चंद्रमा पूजन करें। दूसरे दिन व्रत का पारणा करें। इसमें किसी ब्राह्मण दंपती को भोजन करवाएं या भोजन बनाने की समस्त सामग्री भेंट करें। दक्षिणा भी दें। इसके पश्चात स्वयं भोजन ग्रहण करके व्रत खोलें।

व्रत के लाभ

व्रत के लाभ

भाद्रपद पूर्णिमा व्रत करने के अनेक लाभ शास्त्रों में बताए गए हैं। इस दिन विष्णु के स्वरूप भगवान सत्यनारायण की पूजा करने से जीवन के समस्त कष्टों और संकटों से मुक्ति मिलती है। जीवन की समस्त आर्थिक परेशानियों का समाधान हो जाता है। जिस विशेष कामना की पूर्ति के लिए यह व्रत किया जाता है वह जल्द पूरी होती है। अविवाहित कन्याओं और युवकों का विवाह शीघ्र हो जाता है। खोया मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा वापस मिल जाती है। व्यापारियों को इस दिन सत्यनारायण की पूजा अवश्य करना चाहिए। सुहागिन स्त्रियों को अपने पति की आज्ञा से यह व्रत करना चाहिए इससे वे अखंड सौभाग्यवती बनती हैं। पुरुषों को अपने परिवार की स्वस्थता और संपन्न्ता के लिए यह व्रत करना चाहिए।

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English summary
Purnima Vrat Date is on Monday, September 24, 2018. It comes in Bhadrapada month, so we call it Bhadrapada purnima. here is importance and puja vidhi.
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