Benefits of Surya Namaskar: 'सूर्य नमस्कार' केवल योग नहीं बल्कि खुश रहने का साधन है
नई दिल्ली। सूर्य को हमारे यहां भगवान का दर्जा प्राप्त है, इसलिए सदियों से उनकी पूजा हमारे यहां होती आई है, उनकी पूजा का एक बहुत अच्छा माध्यम है 'सूर्य नमस्कार', हालांकि ये योगासन है, जिसका धर्म से कोई प्रत्यक्ष रूप से लेना-देना नहीं है लेकिन आदि काल से इस हमारे ऋृषि मुनि करते आए हैं तो लोगों ने इसे धर्म से जोड़ दिया है लेकिन सच्चाई ये है कि 'सूर्य नमस्कार' आपको सेहत और शांति देता है, जिसे हर धर्म के लोग कर सकते हैं।
फायदे
'सूर्य नमस्कार' योगासनों में सर्वश्रेष्ठ है, इसके अभ्यास से साधक का शरीर निरोग और स्वस्थ होकर तेजस्वी हो जाता है, वैसे तो ये योग क्रिया है, जिसके साथ सूर्य के 12 मंत्रों का प्रयोग किया जाता है, इससे इंसान स्वस्थ और निरोग रहता है।
मंत्र
ऊं
ध्येयः
सदा
सवितृ
मण्डल
मध्यवर्ती,
नारायण
सरसिजा
सनसन्नि
विष्टः
।
केयूरवान
मकरकुण्डलवान
किरीटी,
हारी
हिरण्मय
वपुर्धृत
शंख
चक्रः
॥
इस तरह करें उपासना
- ऊं मित्राय नमः।
- ऊं रवये नमः।
- ऊं सूर्याय नमः।
- ऊं भानवे नमः।
- ऊं खगाय नमः।
- ऊं पूष्णे नमः।
- ऊं हिरण्यगर्भाय नमः।
- ऊं मरीचये नमः।
- ऊं आदित्याय नमः।
- ऊं सवित्रे नमः।
- ऊं अर्काय नमः।
- ऊं भास्कराय नमः।
- ऊं श्रीसवितृसूर्यनारायणाय नमः।
ऊं पूष्णे नमः
ऊं अर्काय नमः
प्रज्ञा बलं
आदित्यस्य
नमस्कारन्
ये
कुर्वन्ति
दिने
दिने
।
आयुः
प्रज्ञा
बलं
वीर्यं
तेजस्तेषांच
जायते
॥
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