मौनी अमावस्या पर स्नान का शुभ मुहूर्त
मौनी अमावस्या के अवसर पर रविवार को 3 करोड़ श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने के लिये महाकुंभ मेले में जायेंगे। इसके लिये उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। तीसरा शाही स्नान भी कल ही होगा। आखिर क्यों महत्वपूर्ण है अमावस्या का पर्व? बता रहे हैं लखनऊ के ज्योतिषाचार्य पं. अनुज के शुक्ल-
मौनी
अमावस्या
माघ
मास
का
सबसे
बड़ा
पर्व
है।
ऐसे
में
तीर्थराज
प्रयाग
में
पूर्ण
कुम्भ
होने
से
इसका
महात्म्य
कई
गुना
बढ़
जाता
है।
ईश्वर
में
अटूट
विश्वास
और
उसके
फलस्वरूप
उन्हे
पाने
की
तीव्र
उत्सुकता
का
नाम
है,
श्रद्धा।
मौन
रहकर
मन
को
काबू
में
किया
जा
सकता
है,
और
इसके
पश्चात
परमेश्वर
को
अपने
चित्त
में
स्थापित
करने
का
अभ्यास
किया
जाता
है।
2013 में बारह साल बाद एक बार फिर ग्रह नक्षत्रों ने इस पर्व को शुभ बना दिया है। पुराणों में मौनी अमावस्या के दिन त्रिवेणी स्नान की जो महिमा वर्णित की गई है, वह स्वर्ग एंव मोक्ष को देने वाली है। स्नान के साथ ही पुराणों में त्रिवेणी तट पर दान की अपार महिमा वर्णित है। इस मंत्र के जप के साथ आप स्नान कर सकते हैं-
"त्रिवेणी
माघवं
सोमं
भरद्वाजंच
वासुकिमः।
वन्देक्षयवटं
शेषं
प्रयागं
तीर्थनायकम।।"
शुभ मुहूर्त- प्रातः 4:30 बजे से प्रात: 7:15 बजे तक।
सामान्य मुहूर्त- स्नान दान करने के लिए- मध्यान्ह 12:49 बजे तक।