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हरितालिका तीज: पिया की सलामती का व्रत
हरितालिका तीज व्रत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतिया को किया जाता है, पुराणों के हिसाब से यह व्रत सधवा, विधवा और कुआंरी लड़कियां कोई भी रख सकता है।
जानिए उपवास में क्यों नहीं खातें मांस-मछली-चाट-पकौड़े?
क्या है विधि?
-
इस
दिन
लड़कियां
और
महिलाएं
अपने
होने
वाली
पति
या
पति
की
लंबी
आयु
के
लिए
निरजला
(
बिना
पानी
के)
व्रत
रखती
हैं।
-
व्रत
रखकर
महिलाएं
और
लड़कियां
पूरे
16
श्रृंगार
करके
भगवान
भोलेनाथ
और
मात
पार्वती
की
पूजा
करती
हैं।
-
और
अपने
पति
की
लंबी
उम्र
की
कामना
करती
हैं।
-
इसके
लिए
भगवान
शंकर-पार्वती
की
बालू
से
मूर्ति
बनाकर
पूजा
की
जाती
है
और
उनकी
शादी
की
जाती
है।
-
अगर
घर
में
संभव
ना
हो
तो
महिलाएं
और
लड़कियां
मंदिर
में
जाकर
माता
पार्वती
और
भगवान
शिव
की
पूजा
करती
हैं।
- इसके बाद मंगल गीतों से रात्रि जागरण किया जाता है।
पूजा
कहते हैं मां पार्वती ने जंगल में जाकर भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कई सालों तक बिना पानी पिये लगातार तप किया था जिसके बाद भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकारा था।
तपस्या और निष्ठा का व्रत
तपस्या और निष्ठा के साथ स्त्रियां यह व्रत रखती है वह बड़ा कठिन है । इसमे निष्ठावाली स्त्रियां जलतक नहीं ग्रहण करती । इस व्रत का खास तौर पर उत्तर भारत में विशेष मान है।कहते हैं इस व्रत को करने से सात जन्मों तक महिलाओं को उनके पति सात जन्मों तक मिलते हैं।
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English summary
Hartalika Teej is an important Hindu fasting observed by Hindu women and is dedicated to Goddess Parvati in North India.
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