Hanuman Jayanti: शनि-मंगल की पीड़ा से बचाएंगे प्रभु हनुमान
लखनऊ। पृथ्वी के जाग्रत देव भगवान श्री हनुमानजी का जन्मोत्सव 19 अप्रैल को मनाया जाएगा। हनुमानजी एक ओर जहां संकटों का नाश करने वाले देवता हैं, वहीं वे शनि और मंगल की पीड़ा से मुक्ति दिलाने वाले देवता भी कहे गए हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार यदि किसी जातक को जन्मकुंडली में शनि और मंगल पीड़ा दे रहे हों, शनि की साढ़े साती या ढैया चल रहा हो या जातक की कुंडली में मंगल दोष हो तो ऐसे व्यक्ति को हनुमानजी की साधना, आराधना अवश्य करना चाहिए।
हनुमान भक्तों को शनिदेव कभी पीड़ा नहीं देते
कहा जाता है शनिदेव को हनुमानजी ने कष्टों से मुक्त कराया था इसलिए हनुमान भक्तों को शनिदेव कभी पीड़ा नहीं देते। इसी तरह मंगलवार के दिन हनुमानजी का जन्म हुआ था इसलिए हनुमान भक्तों पर मंगल की भी विशेष कृपा होती है। हनुमान जी की साधना वैसे तो किसी भी दिन की जा सकती है लेकिन मंगलवार, श्ानिवार और हनुमान जयंती जैसे संयोग विशेष लाभकारी माने गए हैं। इन दिनों में पीड़ा दूर करने के लिए कई तरह के प्रयोग किए जाते हैं।
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आइए जानते हैं वे क्या उपाय हैं ....
11 या 21 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें
- मंगलवार या शनिवार के दिन किसी भी हनुमान मंदिर में जाएं और वहां बैठकर 11 या 21 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें इससे मंगल और शनि से जुड़े कष्ट दूर होते हैं।
- यदि जन्म कुंडली में मंगल दोष हो, अंगारक दोष हो, कुंडली मंगलीक होने के कारण वैवाहिक और अन्य कार्यों में रूकावटें आ रही हों तो पुरुष जातक 11 मंगलवार हनुमान जी को पूर्ण श्रद्धा-भक्ति से चोला चढ़ाएं। स्त्री जातक किसी ब्राह्मण या अपने परिवार के पुरुषों के माध्यम से हनुमानजी को चोला चढ़वाएं। मंगल दोष शांत होगा।
- शनि की साढ़ेसाती या ढैया में जातक को कार्य, राज्य और अर्थ संबंधी अनेक कष्टों का सामना करना पड़ता है। इस पीड़ा को दूर करने के लिए प्रत्येक शनिवार को हनुमान मंदिर में शाम के समय स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनकर जाएं और आटे के पांच दीपक मंदिर में बैठकर ही बनाएं और उन्हें हनुमानजी के समक्ष प्रज्जवलित करें। हनुमान बाहु अष्टक का पाठ करें या ऊं हं हनुमते नम: मंत्र की पांच माला जाप करें। हनुमानजी को गुड़-चने का भोग लगाएं और अपने संकटों से मुक्ति की प्रार्थना करें। यह प्रयोग हनुमान जयंती के दिन अवश्य करें।
जन्म कुंडली में कई तरह के शुभ योग भी होते हैं....
- जन्म कुंडली में कई तरह के शुभ योग भी होते हैं जिनका शुभ प्रभाव किसी कारणवश नहीं मिल पाता है। इसमें कई बार उच्च और नीच ग्रहों का रोल होता है। ऐसे में यदि नियमित रूप से हनुमान आराधना की जाए। हनुमान चालीसा का पाठ किया जाए तो शुभ योग अपना असर दिखाना शुरू कर देते हैं।
- नवग्रहों की शांति भी हनुमान जी की पूजा करके की जा सकती है। इसके लिए हनुमानजी को प्रतिदिन एक लोटा जल अर्पित करें और उनकी प्रतिमा से सिंदूर लेकर अपने मस्तक पर लगाएं।
- सूर्य की मजबूती के लिए हनुमानजी को प्रत्येक मंगलवार और विशेषकर हनुमान जयंती के दिन गुड़हल के फूलों की माला अर्पित करें।
- शत्रुओं के नाश और सर्वत्र विजय के लिए हनुमान जयंती के दिन हनुमानजी की गदा से सिंदूर लेकर उससे भोजपत्र पर त्रिशूल बनाकर उसे चांदी के ताबीज में भरकर गले में पहनें। कोई आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा, यदि आप सही हैं।
- लक्ष्मी की प्राप्ति, प्रत्येक कार्य में सफलता के लिए हर मंगलवार या शनिवार को सुंदरकांड का पाठ करें।
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