योगी सरकार ने किसानों के खाते में किया 2.53 लाख करोड़ रुपए का भुगतान
लखनऊ। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) यानि कि लाभार्थी के बैंक खाते में सीधा पैसा। आज देश और प्रदेश में इस योजना को एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है क्योंकि इसने पूरे सिस्टम का बदल दिया है। कुछ वर्षों पहले तक देश और प्रदेश में सब्सिडी के नाम पर जो लूट होती थी, परन्तु अब उसे योगी सरकार ने डीबीटी के जरिए खत्म कर दिया है। प्रदेश विधानसभा के बीते बजट सत्र में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने डीबीटी का जिक्र करते गये यह बताया कि सूबे की योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-21 में 56,000 करोड़ से अधिक धनराशि डीबीटी के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के खाते में भेजी है। यानि की बिचौलिए खत्म हुए और पारदर्शी हुआ भुगतान।
पारदर्शी तरीके से लोगों के खातों में डीबीटी के जरिए सीधे धनराशि भेजेने की व्यवस्था कोई बीते साल से नहीं शुरु हुई है, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्ता में आने के तत्काल बाद से ही केंद्र द्वारा शुरु की गई डीबीटी योजना के जरिए लाभार्थियों के खातों में धनराशि भेजने को महत्व दिया। यहीं नहीं उनकी ही पहल पर राज्य में 27 विभागों की 136 योजनाओं को आनबोर्ड किया गया और डीबीटी के जरिए 136 योजनाओं के लाभार्थियों के खाते में धनराशि भेजी गई। नियोजन विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश सरकार ने केंद्र एवं राज्य सरकार की सात योजनाओं में डीबीटी के जरिए 4402.05 करोड़ रुपए की बचत की है। प्रदेश सरकार की यह बड़ी उपलब्धि है।
इन
योजनाओं
में
हुई
बचत
डीबीटी
योजना
जहां
सूबे
में
भ्रष्टाचार
पर
अंकुश
लगा
रही
है,
वही
यह
किसानों,
मजदूर,
श्रमिक,
छात्र
और
पेंशनरों
के
लिए
वरदान
साबित
हो
रही
है।
बीते
साल
जब
लाकडाउन
के
दौरान
लोग
घरों
में
थे
तब
डीबीटी
के
जरिए
ही
मुख्यमंत्री
योगी
आदित्यनाथ
ने
सूबे
के
लाखों
किसानों,
मनरेगा
श्रमिकों,
अन्य
राज्यों
से
आए
मजदूरों,
महिलाओं,
छात्र
और
पेंशनरों
के
खातों
में
सीधे
धनराशि
भेज
कर
उनकी
मदद
की।
मुख्यमंत्री
के
इस
प्रयास
में
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
की
पहल
पर
खोले
गये
जन-धन
खाते
मददगार
बने
है।
इन्ही
जनधन
खातों
और
डीबीटी
की
मदद
से
गैस
सिलेंडर
पर
दी
जाने
सब्सिडी
में
2806.10
करोड़
रुपए,
राष्ट्रीय
खाद्य
सुरक्षा
योजना
के
तहत
बनाये
जाने
वाले
राशन
कार्ड
में
1412
करोड़
रुपए,
इंदिरा
गांधी
राष्ट्रीय
विडो
पेंशन
स्कीम
में
162.58
करोड़
रुपए,
इंदिरा
गांधी
राष्ट्रीय
ओल्ड
एज
पेंशन
स्कीम
में
16.69
करोड़रुपये,
राष्ट्रीय
कृषि
विकास
योजना
में
1.55
लाख
रुपये,
निक्षय
पोशन
योजना
में
1.92
लाख
रुपये
और
दिव्यांग
पेंशन
योजना
में
4.63
करोड़
रुपए
की
बचत
की
गई।
इस
बचत
को
लेकर
नियोजन
विभाग
के
अधिकारियों
का
कहना
है
कि
सरकार
की
विभिन्न
योजनाओं
में
जनधन
खाता,
आधार
और
मोबाइल
नंबर
के
जरिए
सीधे
लाभार्थियों
तक
पैसे
भेजने
की
व्यवस्था
से
बिचौलियों
के
हाथों
में
4402.05
करोड़
रुपए
की
धनराशि
जाने
से
बच
गई।
इन्हें
हुआ
डीबीटी
के
जरिए
भुगतान
यह
अधिकारी
यह
भी
बताते
हैं
कि
प्रदेश
के
किसानों
के
लिए
तो
डीबीटी
वरदान
बन
गई।
योगी
सरकार
के
अब
तक
के
कार्यकाल
में
किसानों
के
खाते
में
अलग-अलग
योजनाओं
में
कुल
डीबीटी
के
जरिए
2.53
लाख
करोड़
रुपए
का
भुगतान
किया
गया
है।
सत्ता
पर
काबिज
होने
के
तत्काल
बाद
ही
राज्य
में
86
लाख
लघु-सीमांत
किसानों
के
एक
लाख
रुपए
के
कर्जे
माफ
किए
उन
सबके
खाते
में
36,000
करोड़
रुपए
का
भुगतान
डीबीटी
के
जरिए
हुआ।
न्यूनतम
समर्थन
मूल्य
पर
अब
तक
सरकार
64,000
हजार
करोड़
रुपए
का
भुगतान
कर
चुकी
है।
इसी
तरह
गन्ना
किसानों
के
खाते
में
डीबीटी
के
जरिये
1.22
लाख
करोड़
से
अधिक
का
भुगतान
हो
चुका
है।
पीएम
किसान
सम्मान
निधि
के
तहत
2.42
करोड़
किसानों
के
खाते
में
अब
तक
27,101
करोड़
रुपए
भेजे
जा
चुके
हैं।
गेहूं,
धान,
मक्का
और
दलहन
की
सरकारी
खरीद
में
किसानों
डीबीटी
के
जरिए
धनराशि
भेजी
गई।
इसी प्रकार, मनरेगा जिसे पहले की सरकारों में भ्र्ष्टाचार के लिए जाना जाता था, उसमें भी सरकार ने न सिर्फ रिकॉर्ड मानव दिवस सृजित किए बल्कि डीबीटी के जरिए रिकॉर्ड भुगतान भी किया। ग्राम्य विकास विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक 5 मार्च तक 11452146 श्रमिकों को रोजगार दिया गया। इस दौरान 37,34.92 लाख मानव दिवस सृजित किए गये और काम के बदले 7669.34 करोड़ का भुगतान हुआ। इसी प्रकार राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत कार्यरत महिला समूहों एवं उनके संगठनों के खातों में बीती 18 दिसंबर को मुख्यमंत्री ने 445.92 करोड़ रुपए डीबीटी के जरिए भेजे।
इसके अलावा बीते चार वर्षों में ओबीसी छात्रों को छात्रवृत्ति के रुप में 1625.47 करोड़ रुपये भेजे गए, निराश्रित महिला पेंशन के लाभार्थियों के खाते में गत 21 जनवरी तक 27.95 लाख रुपये भेजे गए हैं। कन्या सुमंगला योजना के तहत 6,13,956 परिवारों की मदद 112.22 करोड़ रुपए से की गई है। फिलहाल सूबे छह करोड़ से अधिक जनधन खाते, 16 करोड़ से अधिक आधार कार्ड से जहां डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) को धरातल पर उतारने में आसानी मिली है, वही इसके जरिए सरकार की योजनाओं से धनराशि पाने वाले किसान, मजदूर और पेंशनर गदगद हैं।
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