हरियाणा में यमुना से जलापूर्ति 50% घटी, कृषि-किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने बताई मौजूदा स्थिति
चंडीगढ़। हरियाणा में यमुना से जलापूर्ति 50 फीसदी घट गई है। यह जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल की तरफ से विधानसभा में दी। जेपी दलाल ने कहा कि, प्रदेश में यमुना से जलापूर्ति 50 फीसदी घटी है। उन्होंने आंकड़ों का हवाला दिया कि, इस नदी का अंतर्वाह यानि (इन फ्लो) भी 1000 क्यूसिक कम हुआ है। इसका कारण सर्दियों में कम बारिश होना माना जा रहा है। बावजूद इसके नहरी पानी चैनल में रोटेशन आधार पर छोड़ा जा रहा है। मूनक नहर में पानी की कुल उपलब्धता 29.45 प्रतिशत कम हुई है।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने यह भी बताया कि वर्ष 2020 में मानसून के दौरान भाखड़ा जलाशय अपनी अधिकतम क्षमता 1680 फुट में से 1659 फुट ही भर पाया। हालांकि, हरियाणा ने पश्चिम यमुना नहर प्रणाली के मौजूदा चार समूहों को चलाकर रबी फसलों की बुआई के लिए अक्तूबर एवं नवंबर महीनों में औसत हिस्सेदारी से अधिक पानी इस्तेमाल किया। उनकी आरे से बताया गया कि, संग्रहित पानी की बड़ी कमी के कारण हरियाणा में भाखड़ा मेन लाइन सिस्टम को मौजूदा 16 दिनों के रोटेशन वाले दो समूहों से आठ दिनों के रोटेशन की अवधि वाले तीन समूहों में परिवर्तित किया है। कम वर्षा के कारण सिंचाई के मुकाबले जल घर टैंक और गांवों के तालाब भरने को प्राथमिकता दी गई। दिल्ली के लिए 1050 क्यूसिक व गुरुग्राम में पीने के लिए 420 क्यूसिक पानी की नियमित आपूर्ति की जा रही है।
बीते
वर्ष
की
तुलना
कम
हुई
उपलब्धता
हरियाणा
के
लिए
2019-20
के
दौरान
कुल
जल
आपूर्ति
1805854
क्यूसिक
थी,
जिसमें
से
भाखड़ा
बांध
से
1274048
क्यूसिक
और
यमुना
नदी
से
531806
क्यूसिक
हुई।
2020-21
में
यह
घटकर
1446281
क्यूसिक
रह
गई
है।
इसमें
भाखड़ा
बांध
से
1186687
क्यूसिक
और
यमुना
नदी
से
259594
क्यूसिक
आपूर्ति
हुई।
इससे
स्पष्ट
है
कि
वर्ष
2020-21
के
दौरान
यमुना
से
पानी
की
कुल
उपलब्धता
घट
कर
50
प्रतिशत
हो
गई
है।
कृषि
एवं
किसान
कल्याण
मंत्री
जेपी
दलाल
ने
यह
भी
कहा
कि
भाखड़ा,
यमुना
से
मूनक
नहर
की
आपूर्ति
पर
भी
असर
पड़ा
है।