मानसून की तैयारियों में जुटी उत्तराखंड सरकार, ड्रोन से होगी नदियों की निगरानी
देहरादून, मई 27: उत्तराखंड सरकार अभी से मानसून की तैयारियों में जुट गई है। मानसून के दौरान आने वाले चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार रणनीति तैयार कर रही है। इसी संबंध में उत्तराखंड के सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में बाढ़ सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की। बैठक के दौरान उन्होंने निर्देश दिए कि मानसून आने से पहले बांधों व जलाशयों के प्रबंधन के साथ ही नदी-नालों पर निगाह रखी जाए।
सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि ड्रोन के माध्यम से भी नदियों पर नजर रखी जाए, ताकि उनके बहाव का पता चल सके। उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि मानसून से पहले बाढ़ सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर लिए जाएं। उन्होंने अधिकारियों से बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील स्थलों का चिह्नीकरण करने को कहा। साथ ही बाढ़ सुरक्षा चौकियों की जल्द स्थापना करने, जिला स्तरीय समितियों का गठन करने, कंट्रोल रूम स्थापित करने, नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर उनके नाम व दूरभाष नंबर सार्वजनिक करने के निर्देश दिए।
सिंचाई मंत्री महाराज ने समीक्षा बैठक के दौरान सभी जिलों से बाढ़ सुरक्षा तैयारियों की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने मानसून से पहले नालियों की सफाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी जिलों में नगर निकायों को पत्र लिखकर कहा है कि, वे समय रहते अपने-अपने क्षेत्रों में नालियों की सफाई सुनिश्चित कराएं। ताकि मानसून के समय नुकसान से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि बरसात में हरिद्वार में बाढ़ से ज्यादा नुकसान होता है।
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बैठक में सचिव सिंचाई एसए मुरुगेशन, प्रमुख अभियंता मुकेश मोहन, संयुक्त सचिव जेएल शर्मा, मुख्य अभियंता दिनेश चंद्रा, जयपाल आदि मौजूद थे। कैबिनेट मंत्री महाराज ने कहा कि पूर्व में सिंचाई विभाग में बड़े कार्यों को अधिकतम चार भागों में विभक्त करने का निर्णय लिया गया था। वर्तमान में कोरोना संकट को देखते हुए दूसरे अभियंत्रण विभागों में भी निर्माण कार्य छोटे-छोटे भागों में न्यूनतम 20 लाख तक की सीमा में विभक्त कर स्थानीय ठेकेदारों, प्रवासी श्रमिकों व अन्य व्यक्तियों को लाभ पहुंचाया जाना चाहिए।