पीएमईजीपी योजना में यूपी खादी ग्रामोद्योग बोर्ड ने रचा इतिहास
लखनऊ। यूपी खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड ने कामयाबी की एक नई कहानी लिख दी है। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत वित्तीय सहायता देकर कारोबार शुरू कराना हो या फिर युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना। इन सभी में यूपी खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड ने पूरे देश में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। बोर्ड ने 16 जनवरी तक मार्जिन मनी के उपयोग में निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष 106 प्रतिशत का लक्ष्य हासिल कर लिया है। बोर्ड की ओर से 2376 इकाईयों को 8176.89 लाख रुपए की मार्जिन मनी दी जा चुकी है। वहीं, 21 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने में भी सफलता हासिल की है। साथ ही पूरे देश में (पीएमईजीपी) से जुड़ी कार्यदायी संस्थानाओं ने 48.33 प्रतिशत का लक्ष्य हासिल किया है।
यूपी खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड ने पिछले तीन सालों में गांधी की खादी को प्रदेशवासियों की पहली पसंद बना दिया है। खादी फैशन के साथ-साथ युवाओं के लिए रोजगार का जरिया भी बन गई है। वहीं, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड ने प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से 21751 लोगों को रोजगार मुहैया कराया है। इसके अलावा 2378 ईकाइयों को 8176.89 लाख रुपए मार्जिन मनी जारी कर निर्धारित से 106 प्रतिशत का लक्ष्य हासिल कर पूरे देश में इतिहास रच दिया है। वहीं, पूरे देश में पीएमईजीपी योजना से जुड़ी कार्यदायी संस्थानाओं ने 35432 इकाईयों को 110670.30 लाख रुपए मार्जिन मनी जारी की जा चुकी है।
वित्तीय
सहायता
व
रोजगार
देने
में
आगे
यूपी
खादी
तथा
ग्रामोद्योग
बोर्ड
ने
कोरोना
काल
में
भी
युवाओं
को
रोजगार
व
कारोबार
के
लिए
मार्जिन
मनी
उपलब्ध
कराने
में
अव्वल
रहा
है।
बोर्ड
के
अनुसार
मार्जिन
मनी
का
निर्धारित
लक्ष्य
7716
लाख
रुपए
के
सापेक्ष
8176.89
लाख
रुपए
का
भुगतान
उद्यमियों
को
किया
गया
है,
जो
निधार्रित
लक्ष्य
का
106
प्रतिशत
है।
प्रधानमंत्री
रोजगार
सृजन
कार्यक्रम
का
संचालन
यूपी
में
यूपी
खादी
तथा
ग्रामोद्योग
बोर्ड,
खादी
और
ग्रामोद्योग
आयोग
व
जिला
उद्योग
केन्द्र
द्वारा
किया
जाता
है।
इसमें
जिला
उद्योग
केन्द्र
ने
मार्जिन
मनी
का
77
प्रतिशत
व
खादी
और
ग्रामोद्योग
आयोग
ने
36
प्रतिशत
मार्जिन
मनी
का
उपयोग
किया
है।
तीनों
संस्थाओं
द्वारा
प्रदेश
में
74
प्रतिशत
मार्जिन
मनी
का
उपयोग
किया
जा
चुका
है।
ऐसे
करें
आवेदन
पीएमईजीपी
योजना
के
लिए
ऑनलाइन
आवेदन
ही
अनुमन्य
है।
आवेदक
www.kviconline.gov.in
की
वेबसाइट
पर
जाकर
ऑनलाइन
आवेदन
कर
सकता
है।
आवेदन
पत्रों
को
निर्धारित
स्कोर
कार्ड
के
अनुसार
स्क्रूटनी
करते
हुए
स्कोर
कार्ड
में
पूर्णांक
100
में
से
50
या
उससे
अधिक
अंक
प्राप्त
करने
वाले
आवेदकों
के
आवेदन
पत्र
स्वीकृति
के
लिए
जिला
ग्रामोद्योग
अधिकारियों
द्वारा
ही
बैंकों
को
भेजे
जाते
हैं।
इसके
अलावा
वित्तपोषित
तीन
वर्ष
पुरानी
सेवा
उद्योग
की
सफल
इकाईयों
को
उद्यम
को
बढ़ाने
के
लिए
25
लाख
रुपए
व
उत्पादन
इकाईयों
को
1
करोड़
रुपए
दूसरा
ऋृण
बैंकों
के
माध्यम
से
दिलाया
जाता
है।
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