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पंडित माधवराव सप्रे की जयंती पर बोले CM भूपेश बघेल, हिन्दी राष्ट्रीय अस्मिता का प्रतीक

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रायपुर, 20 जून। पंडित माधवराव सप्रे की 150वीं जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने शनिवार को ''हिंदी का लोकतंत्र'' विषय पर आयोजित दो दिवसीय ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का वर्चुअल तरीके से आयोजन किया। इस अवसर पर संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री रूचिर गर्ग भी उपस्थित थे।

bhupesh baghel

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर हिंदी की वरिष्ठ साहित्यकार और भारतीय भाषा परिषद् की अध्यक्ष डॉ. कुसुम खेमानी को वर्ष 2021 के पंडित माधवराव सप्रे छत्तीसगढ़ मित्र साहित्यिक पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित किया। उनको यह सम्मान वागर्थ पत्रिका के निरंतर प्रकाशन, भारतीय भाषा परिषद् के माध्यम से हिंदी की अतुलनीय सेवा और साहित्यिक योगदान के लिए प्रदान किया गया।

समारोह में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पंडित माधवराव सप्रे पर केंद्रित 'छत्तीसगढ़ मित्र' के विशेष अंक का विमोचन भी किया। उन्होंने राज्य सरकार की मदद से लगभग 6000 पृष्ठों के 'पंडित माधवराव सप्रे साहित्य समग्र' के प्रकाशन की स्वीकृति प्रदान की। समारोह का आयोजन छत्तीसगढ़ मित्र पत्रिका द्वारा संस्कृति विभाग की सहायता से किया गया।

इस दौरान भूपेश बघेल ने वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि सप्रे जी मूलत मराठी भाषी थे, लेकिन उन्होंने हिंदी को अपना माध्यम बनाया। सप्रे जी ने छत्तीसगढ़ में साहित्यिक पत्रकारिता की नींव सन् 1900 में रखी थी और पत्रिका का नाम 'छत्तीसगढ़ मित्र' रखा था। उन्होंने हिन्दी की पहली कहानी 'टोकरी भर मिट्टी' के माध्यम से सामंती व्यवस्था के खिलाफ बिगुल फूंका था और अंग्रेजी उपनिवेश के खिलाफ जागरण की शुरूआत की थी।

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English summary
On the birth anniversary of Pandit Madhavrao Sapre, CM Bhupesh Baghel said, a symbol of Hindi national pride
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