प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार सबसे बेहतर ढंग से कर रही काम- जस्मिन शाह
दिल्ली संवाद एवं विकास आयोग के उपाध्यक्ष जस्मिन शाह ने एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा कि उत्तर भारत में रहने वाले 30 करोड़ लोगों के लिए प्रदूषण सबसे गंभीर चुनौती बन सकता है।
नई दिल्ली। दिल्ली संवाद एवं विकास आयोग के उपाध्यक्ष जस्मिन शाह ने एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा कि उत्तर भारत में रहने वाले 30 करोड़ लोगों के लिए प्रदूषण सबसे गंभीर चुनौती बन सकता है। इससे निपटने के लिए राज्य सरकारों को अपने-अपने स्तर पर कदम उठाने की आवश्यकता है। जस्मिन शाह ने कहा कि प्रदूशण से निपटने के लिए फिलहाल दिल्ली सरकार ही दृढ़ संकल्पित इच्छा शक्ति के साथ आगे बढ़ रही है। केजरीवाल सरकार की ऐतिहासिक इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी इस बात का ताजा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि सरकार की यह पॉलिसी प्रदूषण के खिलाफ मील का पत्थर साबित होगी।
इस पॉलिसी की विशेषताओं पर बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि इसके तहत दिल्ली में चलने वाले सभी पेट्रोल/डीजल वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में परिवर्तित करने की व्यापक रूपरेखा तैयार की गई है। पॉलिसी में यह भी लक्ष्य रखा गया है कि साल 2024 तक दिल्ली में कुल पंजीकृत होने वाले नए वाहनों में से 25 फीसद वाहन इलेक्ट्रिक होने चाहिए, जिसका सभी हितधारकों, पर्यावरणविदों, उद्दोग और विशेषज्ञों ने स्वागत किया है।
उन्होंने कहा कि साल 2020 के दिसंबर में अमेरिका के कैलिफोर्निया में आयोजित एक सम्मेलन में दिल्ली सरकार की इस पॉलिसी को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ पॉलिसी के रूप में मान्यता दी गई है।
इस पॉलिसी को लागू करने के दौरान सामने आने वाली बाधाओं को लेकर उन्होंने कहा कि तीन बाधाएं ऐसी हैं जो लोगों को ई-वाहन अपनाने से रोक रही हैं। इनमें पहली है ई-वाहनों की अधिक कीमत। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ई-वाहन खरीदने के लिए सब्सिडी देती है, लेकिन यह सब्सिडी पर्याप्त नहीं है। राज्य सरकारों को इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत को कम करने के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है।
उन्होंने आगे कहा कि अभी चार्जिंग के पर्याप्त स्टेशनों में कमी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में फिलहाल 70 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन हैं। सरकार इन्हें बढ़ाने के लिए तत्पर है।
उन्होंने आगे कहा कि इसके आर्थिक और पर्यावरणीय फायदों के बारे में लोगों में जागरूकता की कमी है। दिल्ली सरकार ने लोगों को ई वाहनों के प्रति जागरूक करने के लिए फरवरी माह के पहले सप्ताह से स्विच दिल्ली अभियान की शुरुआत की है। यह अभियान ई-वाहन के प्रति लोगों को जागरूक करने में गेम चेंजर की भूमिका निभाएगा। उन्होंने दिल्ली सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि दिल्ली का अनुभव बताता है कि अगर प्रदूषण से लड़ने के लिए अच्छी नीति के साथ राजनीतिक इच्छाशक्ति है तो हम प्रदूषण के विरुद्ध जंग जीत सकते हैं। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों को दिल्ली सरकार के साथ मिलकर प्रदूषण के विरुद्ध लड़ाई में साथ देना चाहिए ताकि हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को बचा सकें।
वही हरियाणा के परिवहन मंत्री मूलचंद ने कहा कि, 'हम चाहते हैं कि साल 2024 तक फरीदाबाद और गुरुग्राम में सभी सरकारी व वाणिज्यिक वाहन ई-वाहन हो जाएं। उन्होंने कहा कि इसके बाद हमारा लक्ष्य साल 2030 तक सरकारी निगम, बोर्ड सहित एंबुलेंस को पूरी तरह इलेक्ट्रिक करने का होगा।