हरियाणा सरकार देगी प्रदेशवासियों को बायोगैस प्लांट स्थापित करने के लिए 40% सब्सिडी, जानिए योजना
चंडीगढ़। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई वाली हरियाणा सरकार ने बायोगैस प्लांट स्थापित करने के लिए 40 प्रतिशत सब्सिडी देने का निर्णय लिया है। इससे दूध डेयरी, गौशालाओं के पास बायोगैस प्लांट लगाकर खाद, बिजली और कुकिंग गैस का उत्पादन करने का मौका है। ऐसा कर डेयरी और गौशाला न केवल अपनी आमदनी बढ़ा सकती हैं, बल्कि आसपास के गांवों को भी फायदा होगा।
मुख्यमंत्री
मनोहर
लाल
ने
बताया
कि
प्रदेश
में
करीब
7
लाख
60
हजार
पालतू
पशुधन
है।
इनके
गोबर
का
इस्तेमाल
कर
3.8
लाख
क्यूबिक
मीटर
बायोगैस
पैदा
कर
सकते
हैं।
इससे
रोजाना
300
मेगावाट
बिजली
का
उत्पादन
हो
सकता
है।
डेयरी
व
गौशालाओं
को
25,
35,
45
व
85
क्यूबिक
मीटर
क्षमता
तक
का
बायोगैस
प्लांट
लगाने
पर
40
प्रतिशत
अनुदान
मिलेगा।
उन्होंने
बताया
कि
यह
प्लांट
लगाने
के
लिए
परियोजना
अधिकारी
के
पास
आवेदन
जमा
करवा
सकते
हैं।
पंचकूला
स्थित
हरियाणा
नवीन
एवं
नवीकरणीय
ऊर्जा
विभाग
यानि
हरेडा
इस
योजना
की
नोडल
एजेंसी
है।
यहीं
से
अनुदान
स्वीकृत
होगा।
मुख्यमंत्री
ने
कहा
कि
प्लांट
से
बिजली
बनाकर
आसपास
के
क्षेत्र
में
आपूर्ति
की
जा
सकती
है।
प्लांट
की
क्षमता
के
हिसाब
से
चाहिए
गोबर
25
क्यूबिक
मीटर
क्षमता
के
बायोगैस
प्लांट
के
लिए
70
से
80,
35
क्यूबिक
मीटर
प्लांट
के
लिए
100
से
110
और
45
क्यूबिक
मीटर
के
लिए
125
से
140
पशुओं
के
गोबर
की
आवश्यकता
होती
है।
60
क्यूबिक
मीटर
के
लिए
175
से
180
जबकि
85
क्यूबिक
मीटर
क्षमता
का
संयंत्र
स्थापित
करने
के
लिए
250
से
270
पशुओं
के
गोबर
की
जरूरत
पड़ेगी।
पर्यावरण
प्रदूषण
रोकने
में
अहम
बायोगैस
प्लांट
मुख्यमंत्री
ने
बताया
कि
बायोगैस
प्लांट
लगाकर
पर्यावरण
प्रदूषण
को
काफी
हद
तक
कम
किया
जा
सकता
है।
इससे
प्राकृतिक
खाद
मिलती
है,
जो
खेती
के
लिए
बढ़िया
उपजाऊ
शक्ति
का
काम
करती
है।
इसके
अलावा
बायोगैस
प्लांट
से
धुआं-रहित
गैस
निकलती
है,
जिसका
उपयोग
एलपीजी
की
तरह
खाना
बनाने
में
किया
जाता
है।