हरियाणा सरकार ने बनाई कलेक्टर दरों पर निकायों की प्रॉपर्टी का मालिकाना हक देने की योजना
चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने कलेक्टर दरों पर निकायों की प्रॉपर्टी का मालिकाना हक देने की योजना बनाई है। यह जानकारी राज्य के जनसंपर्क एवं सूचना विभाग द्वारा दी गई। बताया गया कि, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई में इस पर फैसला लिया गया। वहीं, सूबे के वरिष्ठ भाजपा नेता व सीएम के पूर्व मीडिया एडवाइजर राजीव जैन ने शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज को पत्र लिख कर नगर निगम, नगर परिषद व नगर पालिका क्षेत्रों में लीज व किराया आधार पर मकान व दुकान बनाने वाले लोगों को रियायती दरों पर मालिकाना हक दिए जाने की मांग की है। अत: इस पर विचार किया जाएगा।
कृषि
भूमि
के
लिए
अलग
से
कलेक्टर
रेट
निर्धारित
किया
जाएगा
मुख्यमंत्री
मनोहर
लाल
खट्टर
ने
पिछले
दिनों
कृषि-भूमि
को
लेकर
एक
विशेष
प्रकार
की
व्यवस्था
के
बारे
में
बताया
था।
मुख्यमंत्री
ने
कहा
कि,
हरियाणा
में
कृषि
भूमि
के
लिए
अलग
से
कलेक्टर
रेट
निर्धारित
किया
जाएगा।
साथ
ही
इसे
चिन्हित
करने
के
लिए
विशेष
प्रकार
की
व्यवस्था
होगी।
अब
एक
एकड़
से
कम
कृषि
भूमि
की
रजिस्ट्री
भी
करवाई
जा
सकेगी।'
हालांकि,
इससे
पहले
सरकार
ने
एक
एकड़
से
कम
भूमि
की
रजिस्ट्री
पर
रोक
लगा
दी
थी।
मुख्यमंत्री ने बताया, अब ऐसा प्रावधान होगा कि कृषि भूमि अलग से चिन्हित होगी और उसकी रजिस्ट्री पर क्लेक्टर रेट भी कृषि क्षेत्र के तौर पर निर्धारित होगा। उन्होंने कहा कि प्लाॅट के विभाजन को लेकर प्रदेश स्तर पर पाॅलिसी तैयार की जा रही है। इसमें प्लाॅट के विभाजन का साइज तय किया जाएगा। निर्धारित साइज से कम के प्लाॅट का विभाजन नहीं किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ऐसा नियम बनाने जा रही है, जिसमें एक प्लाॅट पर विकास शुल्क एक बार ही लगेगा।
यदि किसी प्लाॅट के मालिक को विकास शुल्क भरने के लिए नगर निगम या नगरपालिका से नोटिस प्राप्त होता है तो वह पहले भरे गए विकास शुल्क की रसीद दिखा दें, उससे दोबारा शुल्क नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा का बजट लोकहित का बजट होगा जिसमें समाज के सभी वर्गों का ध्यान रखा जाएगा। बजट मुख्य रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा, रोजगार, स्वावलंबन तथा स्वाभिमान विषयों पर फोकस होगा।
उन्होंने कहा, 'इस बार कोरोना के कारण हितधारकों से फिजिकली मीटिंग नहीं हो पाई लेकिन सभी संबंधितों को पत्र लिखकर अपने सुझाव 20 फरवरी तक देने के लिए कहा गया है। अच्छे सुझावों को बजट में शामिल किया जाएगा।' मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी संपत्ति प्रदेश के सभी नागरिकों की होती है और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों की संपत्ति से नुकसान की भरपाई करवाने के बारे में नियम बनाने पर विचार हो रहा है।