कोरोना संक्रमण के कुशल प्रबंधन के लिए सीएम योगी को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से मिली सराहना
लखनऊ। कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के कुशल प्रबंधन को अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने काफी सराहा है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कोरोना संक्रमण काल के दौरान प्रवासियों की प्रदेश में वापसी कराने के साथ ही इस संकट के दौर में उनको समायोजित करने के प्रबंधन का अध्ययन किया है।
हार्वर्ड विश्वविद्यालय के इस अध्ययन में सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रवासी मजदूरों के संकट को प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के शानदार ढंग से हल करने के तरीके को सराहा गया है। अध्ययन में दर्शाया गया है कि घोर संकट की घड़ी में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकार के हर कर्मी से शानदार ढंग से काम लिया। इस दौरान सरकार का ध्यान संकट के दौर में सभी काम को बेहतर ढंग से अंजाम देने पर था।
वैश्विक महाकारी कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते संक्रमण के बीच में भी योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रवासी लोगों के संकट को काफी अच्छे ढंग से संभाला। जब कोरोना वायरस संक्रमण के दौर में सारा विश्व काफी परेशान था, तब उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अप्रत्याशित चुनौतियों को सहर्ष स्वीकार करने के साथ ही प्रदेश के हर नागरिक को बड़े संकट से उबारा। योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रवासियों के लिए परिवहन सुविधा प्रदान करने के साथ उनको राशन किट वितरित की। दैनिक वेतन भोगी प्रवासी मजदूरों को राज्य सरकार ने मुफ्त राशन प्रदान करने के साथ ही उनके कौशल के अनुसार घर में ही उनको काम भी उपलब्ध कराया। इसके साथ ही गांव-गांव में बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान कर बड़ी संख्या में लोगों को कोरोना संक्रमण से भी बचाया।
संकट की घड़ी में भी कार्य को बेहतर ढंग से अंजाम: हार्वर्ड की रिपोर्ट में कहा गया है कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने संकट की घड़ी में भी कार्य को बेहतर ढंग से अंजाम देने का एक मॉडल पेश कर दिया है। सरकार ने कठिन काम को भी काफी आसानी से निपटा दिया। यह भी बता दिया कि सीमित अर्थव्यवस्था में भी अप्रवासियों को महामारी से बचाने के साथ उनके परिवारों के निर्वाह की भी जिम्मेदारी ली। उनको काम देने के साथ ही अन्य की व्यवस्था भी की। राज्य सरकार ने प्रवासियों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए एक योजना तैयार की। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के साथ मिलकर संकट को दूर करने के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाया।
बस और ट्रेन सेवाएं : उत्तर प्रदेश के बाहर फंसे प्रवासियों के लिए बस और ट्रेन सेवाएं प्रदान करने के अलावा, राज्य सरकार ने राज्य यात्रा के लिए परिवहन सुविधाओं की भी व्यवस्था की और सरकार की योजनाओं को प्रचारित करने के लिए प्रयास किया। बेहद सीमत संसाधनों में ही योजनाबद्घ ढंग से काम को अंजाम दिया गया, जिससे बड़ी संख्या में प्रवासियों को संकट की घड़ी में मदद मिल सकी।
रेलवे के साथ सहयोग: योगी आदित्यनाथ सरकार ने रेलवे के साथ सहयोग किया और 1,604 ट्रेनों की व्यवस्था की। इन ट्रेन से 21 लाख से अधिक प्रवासियों को वापस लाया गया। यह अपने राज्य में लौटने वाले कुल प्रवासियों का करीब 80 प्रतिशत था। 28 मार्च, 2020 को सीमाएं सील होने के 24 घंटे के भीतर राज्य सरकार दिल्ली से हजारों प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने में सफल रही।
त्रिस्तरीय बचाव : राज्य सरकार ने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए तीन स्तर पर काम किया। थर्मल स्क्रीनिंग के बाद कवारंटीन तथा आइसोलेशन की व्यवस्था से लोगों को बड़े संकट से बाहर कर लिया गया। स्वास्थ्य विभाग ने प्रवासियों और अन्य व्यक्तियों, उनके रिश्तेदारों और परिचितों की स्क्रीनिंग के लिए 90,000 से अधिक स्क्रीनिंग टीमों का गठन किया। इनकी जांच की। इसमें भी संक्रमितों के इलाज की व्यवस्था की। राज्य सरकार ने नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) के जारी निर्देशों के अनुसार 18,140 कवारंटीन सेंटर बनाने के साथ इसमें कुल 15.15 लाख प्रवासियों को रखा। इसमें भी किसी में लक्षण दिखने पर उनका परीक्षण करने के बाद उचित इलाज कराया गया।
आर्थिक अवसरों की दीर्घकालिक योजनाएं: अध्ययन में इसकी सराहना की गई कि राज्य सरकार ने मौजूदा योजनाओं का उपयोग करने के साथ-साथ नए एमओयू पर हस्ताक्षर करके घर के करीब प्रवासियों के लिए आर्थिक अवसरों के निर्माण की दीर्घकालिक योजनाएं भी तैयार की हैं। प्रवासियों का स्किल टेस्ट किया गया और इनको क्षमता के अनुरूप काम भी उपलब्ध करा दिया गया। इससे पहले बीते वर्ष नवंबर में डब्ल्यूएचओ ने उत्तर प्रदेश सरकार को उनके कोरोना संक्रमण काल में प्रबंधन के अनुकरणीय प्रयासों के लिए सराहा था। डब्ल्यूएचओ और हार्वर्ड के अध्ययन की रिपोर्ट स्पष्ट रूप से बताती है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार कैसे यूपी सरकार महामारी को संभालने में सफल रही है। इसके साथ ही अलावा, उत्तर प्रदेश सकल राज्य घरेलू उत्पाद (एजीडीपी ) के मामले में भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य बन गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने आपदा में भी आगे बढ़ने का अवसर खोजा।
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