माइक्रो इरिगेशन के लिए किसानों को अब दिया जाएगा अनुदान, हरियाणा में हरियाणा सरकार की अच्छी पहल
चरखी दादरी. हरियाणा सरकार का लक्ष्य है कि कम से कम पानी का इस्तेमाल करते हुए किसान अच्छी पैदावार लें। इसके लिए सिचाई विभाग की रजवाहे व खाल बनाने वाली काडा डिविजन को अब सूक्ष्म सिचाई प्रणाली से जोड़ते हुए इसे एमआइ काडा विभाग बना दिया गया है। माइक्रो इरीगेशन के सभी प्रोजेक्ट पर कार्य एमआइ काडा विभाग की ओर से किया जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जिला उपायुक्त अमरजीत सिंह मान के साथ वीडियो कांफ्रेंस के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दक्षिणी हरियाणा के महेंद्रगढ़, दादरी, भिवानी व रेवाड़ी सहित नौ जिलों में सूक्ष्म सिचाई प्रणाली को बढ़ावा देने पर विशेष बल दिया जाएगा। इन जिलों में पानी की स्थिति अत्यंत विकट है। इसलिए यहां सूक्ष्म सिचाई की परियोजनाओं को अपनाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों में सिचाई प्रबंधन के लिए जिला स्तरीय क्रियान्वयन समिति बना दी गई हैं। इन समितियों की बैठक जल्द आयोजित कर सूक्ष्म सिचाई के लक्ष्य को हासिल करने की कार्य योजना तैयार की जाए। मुख्यमंत्री ने बताया कि माइक्रो इरिगेशन के लिए किसान फव्वारा, पाइप लाइन या ड्रिप सिस्टम अपना सकते हैं। इन पर राज्य सरकार की ओर से 85 फीसद अनुदान दिया जाएगा।
जिले
में
तीन
लाख
एकड़
कृषि
योग्य
भूमि
दादरी
के
उपायुक्त
अमरजीत
सिंह
मान
ने
मुख्यमंत्री
को
बताया
कि
दादरी
जिले
में
करीब
तीन
लाख
एकड़
कृषि
भूमि
है।
इसमें
से
करीब
पचास
हजार
एकड़
बारानी
जमीन
है।
दो
लाख
तीस
हजार
एकड़
भूमि
में
नहर
व
नलकूप
से
सिचाई
की
जाती
है।
इस
समय
जिले
में
बागवानी
व
भूमि
संरक्षण
विभाग
ने
16
हजार
539
किसानों
को
सूक्ष्म
सिचाई
पद्धति
की
योजनाओं
से
जोड़ा
हुआ
है।
जिससे
74
हजार
730
एकड़
भूमि
में
माइक्रो
इरीगेशन
के
उपकरणों
से
सिचाई
हो
रही
है।
इन
किसानों
ने
माइक्रो
स्प्रिंकलर,
स्प्रिंकलर
व
ड्रिप
सिस्टम
खेतों
में
लगाया
हुआ
है।
एमआइ
काडा
के
पोर्टल
पर
नहरी
इलाके
के
54
तथा
नलकूप
से
सिचाई
करने
वाले
1166
किसानों
ने
माइक्रो
इरिगेशन
के
पाइप
लगवाने
के
लिए
आवेदन
किया
हुआ
है।
जिससे
44
सौ
एकड़
भूमि
की
सिचाई
होगी।
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19
हजार
एकड़
भूमि
का
लक्ष्य
मुख्यमंत्री
ने
कहा
कि
दादरी
जिले
को
19
हजार
एकड़
भूमि
में
सूक्ष्म
सिचाई
प्रणाली
लगवाने
का
लक्ष्य
दिया
गया
है।
इस
लक्ष्य
को
हासिल
करने
के
लिए
किसानों
को
सूक्ष्म
सिचाई
प्रणाली
अपनाने
के
लिए
प्रेरित
किया
जाए।
उपायुक्त
ने
मुख्यमंत्री
को
आश्वस्त
किया
कि
इस
टारगेट
को
पूरा
किया
जाएगा।
सूक्ष्म
सिचाई
प्रणाली
के
लिए
सामुदायिक
स्तर
पर
किसानों
के
वाटर
टैंक
भी
बनवाए
गए
हैं।
इस
अवसर
पर
अतिरिक्त
उपायुक्त
डा.
विरेंद्र
लाठर,
जिला
राजस्व
अधिकारी
सतीश
यादव,
सिचाई
विभाग
के
कार्यकारी
अभियंता
वेदपाल
सांगवान,
कृषि
विभाग
से
डा.
ईश्वर
जाखड़,
डा.
नरेंद्र
इत्यादि
भी
उपस्थित
रहे।