50% नौकरियां हरियाणवी लोगों के लिए देने वाली कंपनियों को मिलेगी प्रति कर्मचारी 48 हजार सब्सिडी
चंडीगढ़। मनोहरलाल खट्टर की अगुवाई वाली राज्य सरकार ने हरियाणा के लोगों को निजी क्षेत्र में नौकरियां देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार ने हरियाणा के लोगों को 50 फीसद रोजगार देने वाली कंपनियों को सब्सिडी देगी। हरियाणा के युवाओं को देने वाले नए उद्योगों को प्रदेश सरकार सात साल तक हर वर्ष 48 हजार रुपये प्रति कर्मचारी तक की सब्सिडी देगी। उद्योग एवं वाणिज्य विभाग ने रोजगार सृजन सब्सिडी योजना अधिसूचित कर दी है। इस साल पहली जनवरी से योजना का लाभ मिलेगा।
प्रदेश
सरकार
ने
नए
उद्योगों
के
लिए
लांच
की
रोजगार
सृजन
सब्सिडी
योजना,
पहली
जनवरी
से
हुई
लागू
उपमुख्यमंत्री
दुष्यंत
चौटाला
ने
बताया
कि
औद्योगिक
रूप
से
बी,
सी
और
डी
श्रेणी
खंडों
के
कुशल,
अर्ध-कुशल,
अकुशल
श्रेणी
में
हरियाणा
के
लोगों
को
50
फीसद
रोजगार
देने
वाली
नई
औद्योगिक
इकाइयों
को
सात
साल
तक
अनुसूचित
जाति
और
महिला
वर्ग
के
लिए
36
हजार
रुपये
तथा
सामान्य
श्रेणी
के
लिए
30
हजार
रुपये
प्रति
कर्मचारी
प्रति
वर्ष
की
सब्सिडी
दी
जाएगी।
किसान
उत्पादक
संगठन
और
एकीकृत
पैक
हाउस
भी
उठा
सकेंगे
योजना
का
लाभ
थ्रस्ट
सेक्टर,
आयात
प्रतिस्थापन,
आवश्यक
क्षेत्र,
जैव
ऊर्जा,
अक्षय
ऊर्जा
उद्यमों
और
डेटा
केंद्र
एवं
को-लोकेशन
सुविधा
(एमएसएमई,
बड़ी,
मेगा
परियोजनाओं)
के
मामले
में
अनुसूचित
जाति
व
महिला
वर्ग
के
लिए
48
हजार
रुपये
तथा
सामान्य
श्रेणी
के
लिए
36
हजार
रुपये
प्रति
कर्मचारी
प्रति
वर्ष
की
सब्सिडी
दी
जाएगी।
पंजीकृत
किसान
उत्पादक
संगठन
व
एकीकृत
पैक
हाउस
(ग्रेडिंग,
सार्टिंग,
पैकेजिंग
आदि
सुविधाओं
वाले)
भी
योजना
के
पात्र
होंगे।
उपमुख्यमंत्री
ने
कहा
कि
पहली
जनवरी
2021
से
31
दिसंबर
2025
तक
वाणिज्यिक
उत्पादन
करने
वाली
औद्योगिक
इकाइयां
योजना
का
लाभ
उठा
सकेंगी।
औद्योगिक
इकाइयों
को
पोर्टल
पर
आइईएम,
उद्यम
पंजीकरण
प्रमाणपत्र
और
हरियाणा
उद्यम
ज्ञापन
दर्ज
करना
होगा।
छोटे
उद्योगों
के
उत्पादों
को
मिलेगा
अंतरराष्ट्रीय
बाजार
सूक्ष्म,
लघु
एवं
मध्यम
उद्योगों
को
अंतरराष्ट्रीय
बाजार
में
उत्पादों
की
बिक्री
का
मौका
मिलेगा।
इसके
लिए
प्रदेश
सरकार
ने
वालमार्ट
वृद्घि
तथा
हकदर्शक
कंपनी
के
साथ
समझौता
ज्ञापन
पर
हस्ताक्षर
किए
हैं।
उपमुख्यमंत्री
दुष्यंत
चौटाला
की
मौजूदगी
में
एमएसएमई
विभाग
के
महानिदेशक
विकास
गुप्ता,
वालमार्ट
वृद्घि
की
ओर
से
नितिन
दत्त
तथा
हकदर्शक
की
ओर
से
सीईओ
अनिकेत
डायगर
ने
एमओयू
पर
हस्ताक्षर
किए।
वालमार्ट के साथ समझौते से प्रदेश के एमएसएमई के उत्पाद जहां 24 देशों में प्रदर्शित होंगे, वहीं 48 बैनर्स के नीचे 10 हजार 500 स्टोर्स में उपलब्ध हो सकेंगे। एमएसएमई को जरूरत के अनुसार उद्योग विशेषज्ञों से प्रशिक्षण भी दिलवाया जाएगा। हकदर्शक कंपनी की 22 राज्यों में 7 हजार कल्याणकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध है जिससे एमएसएमई को लाभ होगा।