10वीं और 12वीं में पढ़ाया जाएगा गंगा संरक्षण और जल प्रदूषण, योगी सरकार ने लिया फैसला
लखनऊ। योगी सरकार ने स्कूल के बच्चों को गंगा संरक्षण के बारे में सिखाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। अब से 10वीं और 12वीं के सिलेबस में गंगा संरक्षण और जल प्रदूषण शामिल किया जाएगा। बच्चों को गंगा संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है। यह प्रस्ताव नमामि गंगे विभाग की पहल पर माध्यमिक शिक्षा परिषद ने तैयार किया है। अब हिंदी विशेषज्ञों की सहमति के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। बता दें, गंगा संरक्षण को पाठ्यक्रम में शामिल करने वाली यह देश की पहली सरकार होगी।
बीएचयू में वैदिक इंजीनियरिंग का पाठ
योगी सरकार ने छात्र-छात्राओं को अपने मूल से जोड़े रखने के लिए BHU में कई नए पाठ्यक्रम शुरू किए हैं। वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग के प्रोफेसर छात्रों को वेद विज्ञान पढ़ाएंगे। बीएचयू के वैदिक विज्ञान केंद्र में नए सत्र से 'वैदिक इंजीनियरिंग और इंस्ट्रूमेंटेशन' कोर्स की शुरुआत होगी। इसमें इंजीनियरिंग के प्रोफेसर छात्रों को नौका शास्त्र, धातु विज्ञान, विमान विद्या, सूर्य विज्ञान के साथ ही जल शोधन जैसे विषयों पर शोध कराएंगे। इसके साथ ही छात्रों को वेद और संस्कृत की शिक्षा भी देंगे।
BHU में सांस्कृतिक अर्थशास्त्र पर देश का पहला दो वर्षीय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू होगा। अर्थशास्त्र विभाग इस संबंध में जल्द बीएचयू के इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस प्रस्ताव सौंपने वाला है। एकेडमिक काउंसिल,कार्यकारिणी परिषद की बैठक में मंजूरी के बाद 2021-22 से पाठ्यक्रम का संचालन शुरू कर दिया जाएगा।
गुरुओं
का
बलिदान
भी
होगी
पाठ्यक्रम
में
शामिल
27
दिसंबर
को
साहिबजादा
शहीदी
दिवस
पर
सीएम
आवास
पर
गुरुबाणी
कीर्तन
आयोजित
किया
गया
था।
इस
दौरान
सीएम
योगी
आदित्यनाथ
ने
कहा
था
कि
गुरु
गोविंद
सिंह
के
पुत्रों
का
बलिदान
दिवस
पाठयक्रम
में
शामिल
होगा।
इससे
आने
वाली
पीढ़ियां
उनके
बलिदान
से
प्रेरणा
लेंगी।
शिक्षा
मंत्री
को
भेजा
प्रस्ताव
साहिबजादा
शहीदी
दिवस
पर
सीएम
ने
कहा
था
कि
बाबा
अजीत
सिंह,
बाबा
जुझार
सिंह,
बाबा
जोरावर
सिंह
और
बाबा
फतेह
सिंह
के
बलिदानों
को
सभी
को
जानना
चाहिए।
उन्होंने
राज्य
के
शिक्षा
मंत्री
को
सिख
गुरुओं
की
भूमिका
को
पाठ्यक्रम
में
शामिल
करने
का
सुझाव
दिया।
लखनऊ
में
भी
शुरू
होगा
पहला
गर्भ
संस्कार
कोर्स
महामारी
और
प्रदूषण
के
इस
दौर
में
प्रेग्नेंसी
का
ख्याल
रखना
काफी
जरूरी
हो
गया
है।
ऐसे
में
लखनऊ
यूनिवर्सिटी
ने
'गर्भ
संस्कार'
में
डिप्लोमा
कोर्स
शुरू
किया
है।
लखनऊ
विश्वविद्यालय
के
महिला
अध्ययन
संस्थान
से
छात्र
एक
साल
का
पीजी
डिप्लोमा
कर
सकेंगे।
यह कोर्स एक साल के लिए होगा। जानकारी के मुताबिक, इसके लिए 18 हजार रुपए फीस प्रति वर्ष के हिसाब से निर्धारित की गई है। कोर्स में कुल 5 थ्योरेटिकल पेपर और एक इंटर्नशिप होगी। इस कोर्स को करके छात्र मेडिकल के क्षेत्र में करियर बना सकेंगे। इस कोर्स का मकसद गर्भवती महिलाओं को यह बताना है कि उन्हें किस तरह से स्वच्छ वातावरण में रहना चाहिए, उन्हें क्या खाना चाहिए, अपना ख्याल कैसे रखना चाहिए ताकि वे स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दे सकें।
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