कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन की जीन सीक्वेंसिंग की जांच केजीएमयू में शुरू, सीएम योगी ने दिए निर्देश
लखनऊ। ब्रिटेन में फैले कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन की नई चुनौतियों का सामना करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी में व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने के निर्देश दिए थे। जिसके तहत लखनऊ के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय केजीएमयू ने अपने कदमों को आगे बढ़ाते हुए जीन सीक्वेंसिंग की जांच को शुरू करने का फैसला लिया है। वायरस के नए स्ट्रेन की पहचान समय से करने के लिए जीन सीक्वेंसिंग की जांच केजीएमयू में शुरू हो गई है।
किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय केजीएमयू के साथ ही बनारस के बीएचयू, लखनऊ के सीडीआरआई और एनबीआरआई में भी जल्द जीन सीक्वेंसिंग की जांच शुरू की जाएगी। यूपी में अभी तक जीन सीक्वेंसिंग जांच के लिए सैंपल को पुणे भेजा जाता था पर अब प्रदेश में जांच शुरू होने से प्रदेश के बाहर स्थ्ति दूसरे संस्थानों में सैंपल नहीं भेजने पड़ेगे। बता दें कि यूपी की पहली कोरोना टेस्ट लैब केजीएमयू में शुरू हुई थी। यहां के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में बनी बीएसएल थ्री लैब ने टेस्टिंग में रिकॉर्ड कायम किया है। जिसमें अब तक 10 लाख 50 हजार टेस्ट किए जा चुके हैं।
केजीएमयू
में
सफलतापूर्वक
हुई
जांच
माइक्रोबायोलॉजी
विभाग
की
अध्यक्ष
डॉ
अमिता
जैन
ने
बताया
कि
प्रदेश
में
मुख्यमंत्री
योगी
आदित्यनाथ
के
निर्देशानुसार
लैब
को
एडवांस
बनाते
के
लिए
पहले
से
उपलब्ध
संसाधनों
के
जरिए
नई
जांच
को
शुरू
किया
गया।
संस्थान
की
जीन
सीक्वेंसर
मशीन
से
कोरोना
पॉजिटिव
10
मरीजों
की
सफलतापूर्वक
जांच
की
गई
जिसमें
एक
में
भी
कोरोना
स्ट्रेन
नहीं
पाया
गया।
उन्होंने
बताया
कि
अभी
अस्पताल
में
मौजूद
री-एजेंट
अभिकर्मक
के
जरिए
जांच
की
जा
रही
हैं।
जल्द
ही
मशीन
के
लिए
जरूरी
री-एजेंट
अभिकर्मक
किट
खरीदने
की
प्रक्रिया
पूरी
की
जाएगी
जिससे
तेजी
से
जांचे
हो
सकेंगी।
उन्होंने
बताया
कि
इस
जांच
से
सिर्फ
वायरस
के
स्ट्रेन
की
पड़ताल
की
जाएगी।
इसके
लिए
लैब
में
कोरोना
पॉजिटिव
आए
मरीजों
के
रैंडम
सैंपल
लिए
जाएंगे।
तीन
अन्य
संस्थानों
में
जल्द
शुरू
होगी
जांच
यूपी
में
नए
स्ट्रेन
के
तेजी
से
परीक्षण
के
लिए
जल्द
ही
यूपी
में
अन्य
तीन
संस्थानों
में
जीन
सीक्वेंसिंग
जांच
शुरू
की
जाएगी।
बनारस
के
बीएचयू,
सीडीआरआई
और
एनबीआरआई
में
जनवरी
के
अंत
तक
री-एजेंट
अभिकर्मक
की
व्यवस्था
पूरी
कर
ली
जाएगी
जिसके
बाद
इन
संस्थानों
में
जांच
शुरू
होने
से
प्रदेश
में
जांचे
ज्यादा
तेजी
से
हो
पाएंगी।
जीन
सीक्वेंसिंग
अनिवार्य
पहले
यात्रियों
का
आरटीपीसीआर
टेस्ट
किया
जा
रहा
है
कोरोना
पॉजिटिव
पाए
जाने
पर
उन्हें
कोविड
अस्पताल
में
अलग
वार्ड
में
भर्ती
किया
जाएगा।
इसके
साथ
ही
पॉजिटिव
मरीज
में
कौन
सा
स्ट्रेन
मौजूद
है
इसकी
जांच
के
लिए
जीन
सीक्वेंसिंग
की
जांच
को
अनिवार्य
किया
गया
है।
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