गोरखपुर को रेडीमेड गारमेंट्स का हब बनाएंगे सीएम योगी, ओडीओपी में किया शामिल
गोरखपुर/लखनऊ। अपने संसदीय कार्यकाल से ही गोरखपुर में टेक्सटाइल और रेडीमेड गारमेंट्स सेक्टर के उन्नयन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संजीदगी से प्रयासरत रहे हैं। इसकी तस्दीक है रेडीमेड गारमेंट्स सेक्टर का गोरखपुर जिले का दूसरा ओडीओपी उत्पाद घोषित होना। मुख्यमंत्री के निर्देश पर गोरखपुर को रेडीमेड गारमेंट्स सेक्टर का हब बनाने को लेकर गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) और उद्योग विभाग के अधिकारी तैयारियों को निरंतर धार दे रहे हैं। दिसम्बर माह में हुए पूर्वांचल विकास संबंधी राष्ट्रीय संगोष्ठी में इस पर विशद मंथन के बाद अब 12 जनवरी को गोरखपुर महोत्सव के पहले दिन भी महत्वपूर्ण सेमिनार-कार्यशाला का आयोजन होने जा रहा है। इसमें कई तकनीक विशेषज्ञ और उद्यमी इस दिशा में मार्ग प्रशस्त करेंगे। गीडा में चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज की तरफ से रेडीमेड गारमेंट्स पार्क बनाने के लिए दिए गए प्रस्ताव पर अधिकारी काम कर रहे हैं। इस संबंध में 150 से अधिक उद्यमी यूनिट लगाने के लिए निवेश की दिलचस्पी दिखा चुके हैं।
गोरखपुर रेडीमेड गारमेंट्स रोजगार देने की दिशा में बड़ा प्लेटफॉर्म बनने जा रहा है। यहां छोटी-बड़ी इकाईयों में 2 लाख मीटर प्रतिदिन रेडीमेड कपड़े का उत्पादन हो रहा है। योगी सरकार ने टेराकोटा के बाद गोरखपुर के रेडीमेड गारमेंट्स उद्योग को ओडीओपी में शामिल किया है। इससे बड़े पैमाने पर कारीगरों को रोजगार के नये अवसर भी सृजित हो रहे हैं। कोरोना संकट के दौरान लॉकडाउन में बड़ी संख्या में कारीगर मुंबई, सूरत, लुधियाना से लौटे हैं, जो वहां की रेडीमेड गारमेंट्स फैक्ट्रियों में काम कर रहे थे। सरकार के प्रयास से इन कारीगीरों को बड़े स्तर पर फायदा होगा।
गोरखपुर में रेडीमेड गारमेंट्स की करीब 500 यूनिट हैं, जहां 5 से 20 मशीनों के साथ काम हो रहा है। पिपरौली क्षेत्र में लक्ष्मी शास्त्री की बड़ी यूनिट है, 2016 से पहले शास्त्री ने मुंबई में यूनिट लगाई थी। यही नहीं, गोरखपुर टेक्सटाइल सेक्टर में तीन बड़े प्रोसेसिंग हाउस, तीन स्पिनिंग यूनिट और दो निटिंग यूनिट हैं। यहां पॉवरलूम की छोटी-बड़ी करीब 4000 इकाइयां है।
गोरखपुर के चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष एसके अग्रवाल का कहना है कि ने बताया कि योगी सरकार रेडीमेड गारमेंट्स सेक्टर में जिस तरह से गंभीरता से प्रयास कर रही है, उससे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होगा। साथ ही एक्सीलेंस सेंटर बनने और लोन की सुविधा मिलने से कारोबार चमकेगा। वहीं जिला उद्योग उपायुक्त आरके शर्मा का कहना है कि रेडीमेड गारमेंट्स यूनिट लगाने के लिए तमाम सहूलियत के साथ अनुदानित ऋण की व्यवस्था की गई है। इस सेक्टर में गोरखपुर में बहुत संभावना है। इसमे डिजाइनिंग, पैकेजिंग जैसे क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर बढ़ेगे। कारीगरों को उद्यमी बनने का मौका मिलेगा। हम उन्हें ट्रेनिंग के साथ टूलकिट भी देंगे। कुल मिलाकर आज की तुलना में चार से छह गुना रोजगार बढ़ जाएगा।
फैक्ट फ़ाइल
-
गारमेंट
उद्योग
में
1.3
करोड़
लोग
लगे
हैं।
पूरे
देश
में।
70
फीसद
महिलाएं
हैं।
-
1
करोड़
के
निवेश
पर
30
लोगों
को
रोजगार
मिलता
है।
-
गोरखपुर
में
300
करोड़
रुपये
सालाना
गारमेंट
सेक्टर
का
उत्पादन।
-
यहां
का
व्यापार
तीन
हजार
करोड़
रुपये
का
है।
90
फीसद
बाहर
से
आता
है।
जिले
में।
10
फीसद
यहां
बनता
है।
-
नोएडा
में
तीन
हजार
गारमेंट
की
इकाइयां
हैं।
25
हजार
करोड़
रुपये
का
टर्न
ओवर
है।
-
गोरखपुर
की
आबादी
के
हिसाब
से
यहां
स्कोप
ज्यादा
है।
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