गुड़ महोत्सव में बोले सीएम योगी आदित्यनाथ, गुड़ को उत्तर प्रदेश का बना रहे है ब्रांड
लखनऊ। प्रदेश में पहली बार राज्य गुड़ महोत्सव का आयोजन किया गया है, जिसका शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। गुड़ के गुणों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि गुड़ उत्तर प्रदेश का ब्रांड बन रहा है। बता दें कि एक जिला एक उत्पाद योजना से विभिन्न उत्पादों की ब्रांडिग कर रही योगी सरकार कृषि उत्पादों के लिए भी ऐसा ही मंच तैयार करना चाहती है।
राजधानी लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में शनिवार को शुरू हुए राज्य गुड़ महोत्सव के उद्घाटन समारोह में योगी ने कहा कि चार वर्ष पहले गन्ना किसानों की स्थिति खराब थी। छह-सात वर्षों तक गन्ना बकाया भुगतान नहीं होता था। खांडसारी उद्योग को पूरी तरह बंद कर दिया गया था। लाइसेंस नहीं मिल पाते थे। हमने सत्ता में आते ही स्थिति बदली। आज आवेदन करने के कुछ ही घंटों के अंदर लाइसेंस मिलता है। लाइसेंस शुल्क माफ है। ऑनलाइन व्यवस्था कर दी गई है।
कहा कि मुजफ्फरनगर, शामली, अयोध्या, लखीमपुर खीरी और शाहजहांपुर आदि में गन्ना बहुत उगाया जाता है। उससे बनने वाला गुड़ न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि देश और दुनिया में एक नई पहचान बनाकर किसान को लाभकारी मूल्य दिला रहा है। कहा कि प्रदेश के साठ लाख किसानों के जीवन में परिवर्तन लाने के उद्देश्य से राज्य सरकार के प्रयासों से आज राज्य गुड महोत्सव एक नई ऊंचाइयों को छूता हुआ दिखाई दे रहा है। इस आयोजन से स्थानीय उत्पाद को बाजार मिलेगा। उसकी ब्रांडिग होगी।
स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति लोगों में नई रुचि पैदा हुई है। हमारे बचपन में चीनी का दाम ज्यादा और गुड़ का कम हुआ करता था। आज अपने औषधीय गुणों के कारण गुड़ का दाम चीनी की अपेक्षा बढ़ा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 27 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ने की खेती होती है। नई व्यवस्था से उन गन्ना किसानों को जोड़ा गया, उनके लिए ऑनलाइन पर्ची की व्यवस्था की गई।
53
फीसद
हुआ
इस
वर्ष
गन्ने
का
भुगतान
मुख्यमंत्री
ने
कहा
कि
1,25,600
करोड़
से
अधिक
गन्ना
मूल्यों
का
भुगतान
किया
गया
है।
कोरोना
काल
में
जब
अन्य
राज्यों
में
चीनी
मिलें
बंद
हुईं,
तब
प्रदेश
में
चीनी
मिलें
चलाई
गईं।
अधिकारियों
से
कह
दिया
गया
था
कि
जब
तक
गन्ने
की
एक
भी
फसल
खड़ी
है,
तब
तक
कोई
चीनी
मिल
बंद
नहीं
होनी
चाहिए।
कहा
कि
पिछले
वर्ष
का
लगभग
पूरा
और
इस
वर्ष
का
अभी
तक
लगभग
53
फीसद
से
अधिक
गन्ना
मूल्यों
का
भुगतान
किया
जा
चुका
है।
योगी
सरकार
से
पहले
चिंतित
थे
किसान:
राणा
गन्ना
विकास
मंत्री
सुरेश
राणा
ने
गन्ना
मूल्य
के
पिछले
बकाया
का
जिक्र
किया।
कहा
कि
पिछली
सरकारों
में
चीनी
मिलें
बंद
रही
थीं।
किसान
चिंतित
थे।
योगी
सरकार
आई
तो
न
सिर्फ
पुरानी
मिलों
का
संचालन
सुचारू
किया,
बल्कि
नई
मिलें
भी
स्थापित
की
गईं।
राणा
ने
कहा
कि
पूर्व
प्रधानमंत्री
चौ.
चरण
सिंह
कहते
थे
कि
राजनीति
और
ईमानदारी
में
मां
और
मौसी
जैसा
रिश्ता
है।