पिछली सरकारें किसानों के साथ किया वादा भूल गईं लेकिन हमने पूरा किया: सीएम बघेल
रायपुर। विधानसभा में अनुपूरक बजट पर बुधवार को हुई चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं और नीतियों के कारण छत्तीसगढ़ में किसानों का खेती-किसानी के प्रति आकर्षण बढ़ा है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने किसानों की कर्जमाफी और हर साल बोनस देने का वादा किया था, जिसे पूरा नहीं किया। कृषि का आकार लगातार सिकुड़ता रहा।
समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए 15 लाख किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, जिसमें से केवल 12 लाख किसानों ने धान बेचा था। इस वर्ष 21 लाख किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए पंजीयन कराया, जिसमें से साढ़े 20 लाख से अधिक किसानों ने धान बेचा। हमारे कार्यकाल में धान के रकबे में 21 लाख हेक्टेयर तक की वृद्धि भी हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के साथ भेदभाव कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के नए बजट में एक्साइज ड्यूटी कम करने और पेट्रोल-डीजल में चार फीसद सेस लगाने का प्रविधान किया गया है। सेस की पूरी राशि केंद्र को जाएगी जिससे छत्तीसगढ़ को लगभग एक हजार करोड़ रुपये का नुकसान होगा। बघेल ने कहा कि जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी तब छत्तीसगढ़ को केंद्रीय करों में मिलने वाले हिस्से में मात्र 1058 करोड़ रुपये की कमी हुई। इस दौरान कई वर्षों में प्रविधानित राशि से अधिक राशि राज्य को मिली।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के मुख्य बजट, प्रथम और द्वितीय अनुपूरक बजट में विकास कार्यों के लिए पर्याप्त प्रविधान कर दिए गए हैं। तृतीय अनुपूरक में केवल वही प्रविधान किए गए हैं, जिनकी बहुत आवश्यकता थी या नए हेड खोलना था। चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने हेलीकाप्टर पर वर्ष 2016 में 11.10 करोड़, 2017 में 11.96 करोड़, वर्ष 2018 में 11.58 करोड़ रुपये खर्च किया था। हमारी सरकार ने वर्ष 2019 में 14.40 करोड़, वर्ष 2020 में 8.21 करोड़ और 2021 में 1.30 करोड़ रुपये खर्च किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने कुल बजट का 18 प्रतिशत तक कर्ज लिया था। पिछली सरकार ने चुनावी वर्ष में 16 प्रतिशत कर्ज लिया था। हमारी सरकार ने 2019-20 में 12 प्रतिशत कर्ज लिया। इस वित्तीय वर्ष में हमने अब तक नौ प्रतिशत कर्ज लिया है। पिछली सरकार ने जो 16 प्रतिशत छोड़ा था, उस आंकड़े को हमने नहीं छुआ। जीएसडीपी की बात करें तो वर्ष 2005 में तत्कालीन सरकार ने 19 प्रतिशत लोन लिया था।
पिछली सरकार ने अपने अंतिम वर्ष में 17 प्रतिशत लोन लिया था। इसमें जरूर हमारी वृद्धि हुई है, हमारा 19 प्रतिशत तक हुआ है। लेकिन पिछली सरकार ने जो छोड़ा है, उसी के आसपास बजट व लोन का आकार रहा है। बजट में टंकन त्रुटि के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष ने इसे लेकर हाय-तौबा मचाई, जबकि ऐसी त्रुटियां पिछली सरकार के कार्यकाल में भी हुई थीं।