सीएम भूपेश बघेल ने किया बोधघाट परियोजना का बचाव, विरोधियों से पूछा- कोई और प्लान है?
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बोधघाट बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना का समर्थन किया है। इस योजना को पुनर्जीवित करने के छत्तीसगढ़ सरकार के कदम के खिलाफ बस्तर में विरोध प्रदर्शन करने वाले लोगों से सीएम बघेल ने कहा कि बस्तरवासियों के हक में सदुपयोग के लिए बोधघाट सिंचाई परियोजना के साथ आएं। बस्तर के विकास के इतिहास में बोधघाट प्रोजेक्ट अब तक का एक मात्र ऐसा प्रोजेक्ट है, जिसका शत-प्रतिशत लाभ सिर्फ और सिर्फ बस्तरवासियों को मिलना है।
बोधघाट बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना पर बात करते हुए सीएम भूपेश बघेल ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि विपक्षी दल भाजपा ने आदिवासियों की भूमि की सिंचाई के लिए एक योजना तैयार की है, हमारा मानना है कि बस्तर में एक विशाल क्षेत्र को सिंचित करने के लिए बोधघाट परियोजना की आवश्यकता है। हम इस पर कठोर रुख नहीं अपना रहे हैं लेकिन परियोजना का विरोध करने वालों को एक वैकल्पिक योजना के साथ आना चाहिए। भूपेश बघेल ने आगे कहा कि हमने पुरानी जल संसाधन परियोजनाओं की कमियों को दूर किया ताकि वास्तविक सिंचाई का रकबा बढे़, इसके अलावा भी बड़ी-बड़ी नई योजनाएं हाथ में ली हैं। बोधघाट के अलावा शेखरपुर बांध, ढांडपानी बांध, रेहर अटेम जैसी 15 परियोजनाओं पर ध्यान दिया जा रहा था।
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प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम बघेल ने माओवादी पर निशाना साधते हुए कहा कि माओवादी भी इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि बस्तर में आदिवासियों को सिंचाई की सुविधा से क्यों ना दी जाए, जबकि तेलंगाना, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के किसान को यह लाभ पहले से मिल रहा है? क्या आपके पास कोई और प्लान है? आपको बता दें कि बोधघाट परियोजना को पुनर्जीवित करने के सरकार के कदम के खिलाफ 50 गांवों के आदिवासियों के एक समूह ने 9 फरवरी को बीजापुर जिले के हितालकुडुम गांव में विरोध प्रदर्शन किया था।