Chhattisgarh: कैम्पा की संचालन समिति की बैठक खत्म, वार्षिक कार्ययोजना के तहत 1534 करोड़ रू के कार्य अनुमोदित
Chhattisgarh:वार्षिक कार्ययोजना के तहत 1534 करोड़ रू के कार्य अनुमोदित
रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रतिकरात्मक वनरोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (कैम्पा) की संचालन समिति की बैठक आज राजधानी स्थित चिप्स कार्यालय में प्रभारी मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में कैम्पा की वार्षिक कार्ययोजना वर्ष 2021-22 के अंतर्गत एक हजार 534 करोड़ रूपए के प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया। इसमें वन क्षेत्रों की उत्पादकता बढ़ाने, क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण, बांस वनों की पुर्नस्थापना, वन्य प्राणी प्रबंधन और वन क्षेत्र में भूजल संरक्षण को बढ़ाने संबंधी कार्य को प्राथमिकता से शामिल किया गया है।
बैठक में चर्चा करते हुए अवगत कराया गया कि वर्तमान में कैम्पा मद से क्षतिपूर्ति वनीकरण के साथ-साथ वन क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने के लिए विभिन्न वन विकास कार्य, वनों की सुरक्षा, वन्य प्राणियों के रहवास सुधार एवं संरक्षण तथा विशेष रूप से वन क्षेत्रों में भूजल स्तर को बढ़ाने हेतु नरवा योजना के अंतर्गत भूजल संरक्षण का कार्य जारी है। कैम्पा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री व्ही. श्रीनिवास राव ने बताया कि राज्य शासन द्वारा लागू नवाचार की योजनाओं में से नरवा विकास योजना के अंतर्गत वन क्षेत्रों में स्थित सभी छोटे-बड़े नालों को उनके उद्गम स्थल से समापन स्थल तक उपचारित करने का कार्य किया जा रहा है। वर्ष 2019-20 की कार्ययोजना में स्वीकृत वन क्षेत्र के लगभग 863 नालों के 4.58 लाख हेक्टेयर जलग्रहण क्षेत्रों में 10 लाख 60 हजार भू-जल संरक्षण की संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है। इसी तरह वर्ष 2020-21 में 01 हजार 92 नालों के 3.11 लाख हेक्टेयर जल ग्रहण क्षेत्र में 210 करोड़ रूपए की लागत से 12 लाख 70 हजार जल संरचनाओं के निर्माण कार्य प्रारंभ किए गए हैं।
राज्य में कोरोना संकट के दौरान छत्तीसगढ़ में लौटे अप्रवासी मजदूरों को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराने की दृष्टि से राष्ट्रीय कैम्पा को 416 करोड़ रूपए की कार्ययोजना भेजी गई है। इस कार्ययोजना में भी वन क्षेत्र के 176 नालों के जल ग्रहण क्षेत्रों में भू-जल संरक्षण कार्य हेतु 187 करोड़ 53 लाख रूपए का प्रावधान प्रस्तावित है। इसके साथ ही वर्ष 2021-22 की कार्ययोजना में वन क्षेत्र के 441 नालों को उपचारित करने के लिए 392 करोड़ रूपए का प्रस्ताव भेजा जा रहा है।
उल्लेखनीय
है
कि
कोरोना
संक्रमण
काल
में
घोषित
लाॅकडाउन
के
कारण
सुदूर
वन
क्षेत्रों
में
विकास
कार्यों
में
हुए
गतिरोध
के
कारण
बेरोजगार
हुए
श्रमिकों
तथा
छत्तीसगढ़
वापस
लौटै
प्रवासी
मजदूरों
को
पर्याप्त
रोजगार
उपलब्ध
कराने
की
कार्यवाही
कैम्पा
से
की
जा
रही
है।
माह
मार्च
2020
से
दिसंबर
2020
तक
438
करोड़
रूपए
व्यय
कर
94
लाख
37
हजार
मानव
दिवस
का
रोजगार
सृजन
किया
गया
है।
राज्य
के
हाथी
प्रभावित
क्षेत्रों
में
हाथी-मानव
संगवारी
जैसी
योजनाएं
लागू
कर
हाथी
प्रभावित
क्षेत्रों
में
रहवास
सुधार
तथा
जागरूकता
अभियान
आदि
के
कार्य
कराए
जा
रहे
हैं।
वार्षिक
कार्य
योजना
2020-21
में
हाथी
प्रभावित
जिला
कोरबा,
मरवाही,
कटघोरा
में
94
करोड़
रूपए
की
कार्ययोजना
स्वीकृत
कर
कार्य
कराए
जा
रहे
हैं।
इसी
तरह
वार्षिक
कार्ययोजना
2021-22
में
बांस
की
उत्पादकता
में
वृद्धि
के
लिए
बांस
वनों
की
पुनस्र्थापना,
वन्य
प्राणी
काॅरीडोर
की
पहचान
कर
वन्य
प्राणियों
के
विचरण
क्षेत्रों
में
रहवास
सुधार,
वन
क्षेत्रों
में
विशिष्ट
प्रजातियों
का
संरक्षण
एवं
विकास
तथा
विलुप्त
हो
रहे
पशु-पक्षियों
के
संरक्षण
संबंधी
कार्यों
का
प्रावधान
किया
गया
है।
इस
अवसर
पर
प्रमुख
सचिव
विज्ञान
एवं
प्रौद्योगिकी
डाॅ.
मनिन्दर
कौर
द्विवेदी,
प्रधान
मुख्य
वन
संरक्षक
एवं
वन
बल
प्रमुख
श्री
राकेश
चतुर्वेदी
आदि
संबंधित
विभागीय
अधिकारी
वीडियो
काॅन्फ्रेंसिंग
के
माध्यम
से
बैठक
में
जुड़े
रहे।
बैठक
में
कैम्पा
की
संचालन
समिति
के
अशासकीय
सदस्य
श्री
जी.एस.
धनंजय
भी
उपस्थित
थे।