छत्तीसगढ़ में भूमिहीनों को न्याय देने को अनुपूरक बजट में 200 करोड़ रुपये का प्रविधान
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के भूमिहीन खेतिहर मजदूरों के लिए न्याय योजना शुरू करने का वादा किया है। इसे अमली जमा पहनाने के लिए सरकार ने अनुपूरक बजट में 200 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने के लिए 208 करोड़ और कर्ज का ब्याज चुकाने के लिए 105 करोड़ का प्रविधान रखा गया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन में 2485 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया। यह चालू वित्तीय वर्ष का पहला अनुपूरक बजट पेश किया। इस पर बुधवार को सदन में चर्चा होगी।
अनुपूरक बजट में छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना के चार करोड़ की आवश्यकता बताई गई है। कृषि पंपों के ऊर्जीकरण के लिए 76 करोड़ प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य योजना) करीब 20 करोड़ रुपये आवश्यकता बताई गई है। जिला चिकित्सालयों कोरोना से निपटने लिए सामग्री 28 करोड़ 80 लाख रुपये, संक्रमण का रोकथाम व उपचार के लिए कार्यालय व्यय के तहत 1540 लाख व्यवसायिक सेवाओं के 660 लाख आदि शामिल हैं।
साजा में 50 बिस्तर का अस्पताल
साजा में 50 बिस्तर एमसीएच (मातृ-शिश) की स्थापना का प्रविधान किया गया है। इसके लिए बजट में एक करोड़ 60 लाख की आवश्यकता बताई गई है।
विवेकानंद स्मृति संस्थान के लिए एक करोड़ 30 लाख
रायपुर में स्वामी विवेकानंद स्मृति संस्थान की स्थापना के लिए अनुपूरक बजट में एक करोड़ 30 लाख की जरूरत बताई गई है।
न्यायिक सेवा के अफसरों को लैपटॉप
राज्य के न्यायिक अधिकारियों के लिए 370 नग लेपटाप खरीदने का प्रस्ताव है। इसके लिए अनुपूरक बजट में दो करोड़ 60 लाख का प्रविधान किया गया है।
सरकारी विमान की मरम्मत के लिए आठ करोड़
खराब पड़े राजकीय विमान बी-200 के इंजन का सरकार मरम्मत कराएगी। इसके लिए बजट में आठ करोड़ रुपये की जरूरत बताई गई है।