The Unsung Corona Warriors : एक सलाम घर की महिलाओं को भी बनता है...
नई दिल्ली। सब लोग पानी पीने के बाद अपनी ग्लास साफ करेंगे, रसोई से गरजती हुयी आवाज आती है, आभा मन ही मन बड़-बड़ा रही थी , अभी रात में ही सारा बर्तन साफ करके सोई थी और सुबह नाश्ते के बाद फिर से बर्तनों का ढेर सिंक में आभा को निमंत्रण देने लगा था जो आभा के लिए अब सिरदर्द बनता जा रहा है एैसे में घर के सभी लोग कभी छाछ तो कभी लस्सी पीके सारे बर्तन गंदे कर रहे थे जिसके लिए आभा ने सबको अल्टीमेटम दे दिया था, ऊपर से बच्चों की फरमाइश की मम्मा आप भी चिकन चिली बनाना जैसे शर्मा आंटी ने बनाया था और उनकी बेटी ने फेसबुक पर अपलोड किया है।
भाड़ में जाएं फेसबुक और उस पर तरह-तरह के डिश लगाने वाले के बारे आभा ने सोचा कैसे लोग वक्त निकाल लेते हैं यहां तो सांस लेने की भी फ़ुरसत नहीं है। हो भी क्यों ना जबसे कोरना की की वजह से लॉकडाउन लगा तबसे आभा जैसी लाखों करोड़ों औरतों पर घर संभालने की दोगुनी जिम्मेदारी बढ़ गई है, घर के सभी सदस्य 24*7 घर में कैद होने को मजबूर हो गए और बिना किसी मेड या हाउस हेल्प के अब सारा बोझ गृहणियों के कंधों पर , बर्तन झाड़ू पोंछा, खाना बनाना और तो और अब तो घर की रसोई ही छोटा सा रेस्तरां बन गया है और लोगों की न खत्म होने वाली फरमाइशें , कभी पिज़्जा कभी केक , जलेबी, समोसे और न जाने क्या-क्या ।
एक नहीं हजार काम लेकिन गिनती नहीं किसी की नहीं
और हम लोग सभ्य समाज के वासी होने के नाते कभी-कभी घर की औरतों की हेल्प कर दिया करते हैं लेकिन उसके काम को बांटते नहीं है और वो मदद भी बाकी के सदस्य अपने मूड और कम्फर्ट लेवल होने के बाद ही करते हैं, बाकी की सारी जिम्मेदारी घर की औरत की है , बच्चों को पढ़ाना, उनके साथ खेलना और टाइम पर आपको काढ़ा बनाकर पिलाना भी नहीं भूलती जिससे आपकी इम्यूनिटी बनी रहे और आप बीमार ना पड़े।
महिलाएं निभा रही हैं अपना फर्ज
अभी कुछ लोग बोलेंगे की इसमें क्या नई बात है ये तो वो हमेशा से करतीं आईं हैं लेकिन कोरोना और लॉकडाउन के पहले उसे भी फुरसत के कुछ पल मिल जाते थे ,कभी फिल्म, रेस्तरां, किट्टी पार्टी के जरिए अपना मन बहला लेती थीं और घर संभालने की ऊर्जा को बरकरार रखती थी और हमने इसको उनकी जिम्मेदार समझकर नजरअंदाज किया जैसे हम हमेशा से करते आ रहे हैं । लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इस मुश्किल वक्त में जैसे हमने सभी फ्रंट लाइनर्स के लिए आभार व्यक्त किया उनके लिए मोमबत्ती जलाई, थालियां बजाईं, उतनी ही मेहनत हमारे घर की औरतों ने भी किया है कि उनका परिवार और समाज स्वस्थ और निरोगी रहे ।
एक छोटी सी कोशिश आप भी कीजिए
तो क्यों ना हम भी उनके लिए कुछ सराहनीय करें, अपनी बगिया में जो फूल खिला है आप उसे भेंट कर दें या फिर शाम की चाय आप उन्हें बनाकर पिलायें, ये छोटी सी कोशिशें उनके लिए किसी बड़े ईनाम से कम नहीं होंगी।
...तो मेरी तरफ से भी उनको सलाम!