इस महिला दिवस पर कहानी एक बॉलीवुड फिल्म की
08 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में ख्याति मिली हुई है. फ़िल्में मनोरंजन के साथ-साथ समाज का आईना भी होती हैं. समाज में जो घटित होता है उसे यह कमोबेश दर्ज करती हैं, हालांकि इस 'दर्ज' करने पर प्रश्न उठ सकते हैं और उठे भी हैं. अभी हाल में रिलीज हुई फिल्म 'तानाजी' का उदाहरण ज्यादा पुराना भी नहीं है. लेकिन यह भी सच है कि फ़िल्में अपने कथानक का कच्चा माल अपने परिवेश से ही लेती हैं. अब जब महिलाएं हर क्षेत्र में मजबूती से आगे आयीं हैं तो इससे बॉलीवुड भी अछूता नहीं रहा है. महिलाओं को केंद्र में रखकर कई फ़िल्में बनीं हैं लेकिन यहां बातें करते हैं महिलाओं को केंद्र में रखकर बुनी गई फिल्म 'लिपस्टिक अंडर माय बुरका' की.
जब बात महिलाओं की होती हैं तो यह सच है कि हमारे समाज में महिलाओं को पुरुषों से कमतर आँका गया है..उनकी भावनाओं को न्यूनतम आश्रय मिला है. उनके दिल की बात बहुधा दिल में ही दफ़्न हुयी हैं. उनका अवचेतन उनके अरमानों का ब्लैकहोल है. 'लिपस्टिक अंडर माय बुरका' इसी अवचेतन की डोर पकड़ते हुए बेलौस चलती है और कहीं गुम भी हो जाती है. जो जैसा हुआ वैसा ही बिना किसी मुखौटे के सामने रख दिया गोयाकि यह आज के समय की रूढ़ि तोड़ने की एक पहल 'नेचुरल सेल्फी' हो. अब यहाँ आकर यह मायने नहीं रखता की यह इस डोर को कहाँ तक लेकर गई है. अपेक्षाकृत कम सुविधाओं के बावजूद भारतीय महिला एथलीट ओलंपिक में बस जीतते जीतते रह जाती हैं, तो भी उसकी गोल्डन जीत ही होती है. यह बस हमारे दोयम व्यवहार की हार है, जैसा की 'लिपस्टिक अंडर माय बुरका' के चारों पात्र हार के भी जीत जाती हैं और पुरुषवाद जीत के भी उनके आगे नैतिक रूप से हारे हुए होते हैं.
चारों पात्र अपने अपने सपने जीने के लिए निकलती हैं तो कथित मर्दवादी अहम् की बेड़िया उनके पैरों में डाली जाती हैं जहाँ वे खुलकर इसका विरोध नहीं कर पाती हैं, यहां तक की वैवाहिक बलात्कार में भी. और इन सारी बातों का शिकन उनके सिगरेट के धुएं के छल्ले में दिखता है. यह आज की अधिकांश महिलाओं की आपबीती भी है. यह फिल्म तथाकथित आदर्श स्थिति को न दिखाकर आज के युवजन के खूबी-खामी को सीधे सामने रख देती है. हालांकि पहले भी इन आदर्श स्थिति की लकीरों को तोड़ा गया है पर यह फिल्म भी इस दिशा में एक माइलस्टोन है.
(इस लेख में व्यक्त विचार, लेखक के निजी विचार हैं. आलेख में दी गई किसी भी सूचना की तथ्यात्मकता, सटीकता, संपूर्णता, अथवा सच्चाई के प्रति Oneindia उत्तरदायी नहीं है।)