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बीजेपी का घोषणापत्र: राम मंदिर पर बड़ा वादा नहीं, खंभे लगाकर 24 घंटे बिजली का दावा

By प्रेम कुमार
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नई दिल्ली। बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में राष्ट्रवाद को प्रेरणा, अन्त्योदय को आदर्श और सुशासन को लक्ष्य बताते हुए श्यामा प्रसाद मुखर्जी, दीन दयाल उपाध्याय और अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीरों वाला घोषणापत्र जारी कर दिया है। यह घोषणा पत्र पार्टी के नजरिए को भी सामने रखता है और मोदी सरकार में हुए कार्यों का दावा करते हुए रोडमैप भी सामने रखता है। मगर, इस घोषणापत्र में कई ऐसी बातें हैं जो उल्लेखनीय हैं।

बीजेपी का घोषणापत्र: राम मंदिर पर बड़ा वादा नहीं

राम मंदिर निर्माण नहीं, प्रयास का वादा
बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में राम मंदिर निर्माण पर बढ़-चढ़कर घोषणा करने से खुद को बचाए रखा है। इसके बजाए अपनी कोशिश जारी रखने का वादा किया है। पार्टी ने अदालत में मामला लम्बित रहने की बात कही है और न ही 'मंदिर वहीं बनाएंगे' जैसी कोई बात दोहरायी है। इसके बजाए 'संविधान के दायरे में' रहने का भरोसा देते हुए सभी संभावनाओं का तलाशने की बात पार्टी कही है। राम मंदिर निर्माण को सांस्कृतिक विरासत की श्रेणी में रखते हुए पहले ही बिन्दु में इस रूप में इसे याद किया गया है,

"राम मंदिर पर भाजपा अपना रुख दोहराती है। संविधान के दायरे में अयोध्या में शीघ्र राम मंदिर के निर्माण के लिए सभी संभावनाओं को तलाशा जाएगा और इसके लिए सभी आवश्यक प्रयास किए जाएंगे।"

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समान नागरिक संहिता पर भी बदला बीजेपी का दृष्टिकोण
अब तक समान नागरिक संहिता को लेकर बीजेपी धार्मिक तुष्टिकरण ख़त्म करने की बात किया करती थी। मगर, ताजा घोषणापत्र में पार्टी ने अलग नज़रिया पेश किया है। पार्टी ने समान नागरिक संहिता को स्त्रियों के लिए समानता से जोड़ा है। इससे इस विषय पर पार्टी की परम्परागत सोच बदलती दिख रही है। एक तरह से पार्टी ने समान नागरिक संहिता से जुड़े राजनीतिक मतलब को बदलने का प्रयास किया है।

समान नागरिक संहिता शीर्षक के तहत 42वें पृष्ठ के 11 वें बिन्दु में लिखा गया है, "भाजपा का मानना है कि जब तक भारत में समान नागरिक संहिता को अपनाया नहीं जाता है, तब तक लैंगिक समानता कायम नहीं हो सकती।"

नक्सलवाद शब्द से परहेज : बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में 'नक्सलवाद' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है। इसके बदले पार्टी ने खुलकर 'वामपंथी उग्रवाद' शब्द का इस्तेमाल किया है। यह 'अर्बन नक्सली' वाली सोच का विस्तार है। इसका मतलब यह हुआ सोच के स्तर पर वामंथी होने का खामियाज़ा भी भुगतने के लिए लोगों को तैयार रहना होगा।

बीजेपी के घोषणापत्र में 2 बड़े झूठ
· 24 घंटे बिजली पर पहला झूठ: बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में खुले तौर पर यह झूठ बोला है कि उसकी सरकार ने देश में 24 घंटे बिजली देने का वादा पूरा कर दिखलाया है। घोषणापत्र में लिखा गया है-

"हमने सभी देशवासियों को 24 घंटे बिजली देने का वादा किया था और यह प्रसन्नता की बात है कि देश ने यह लक्ष्य प्राप्त कर लिया है।" सच ये है कि अभी तक हर गांव में बिजली कनेक्शन पहुंचाने का दावा ही पूरा हुआ है। 24 घंटे बिजली की बात तो बहुत दूर की है, सभी घरों में बिजली पहुंची भी नहीं है।

· प्रदूषण पर दूसरा झूठ : वन एवं पर्यावरण शीर्षक घोषणा के 20वें बिन्दु में लिखा गया है "...राष्ट्रीय राजधानी समेत प्रमुख शहरों में प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाए गये हैं।" यह दावा इतना खोखला और झूठा है जो इस बात से समझ में आता है कि दुनिया के चुनिन्दा दस प्रदूषित शहरों में दिल्ली-एनसीआर के 5 शहर शामिल हैं।

· धारा 370 और 35ए पर रुख वही : धारा 370 पर बीजेपी ने अपने पूर्ववर्ती रुख को बरकरार रखने का भरोसा दिलाया है और धारा 35ए को ख़त्म करने की कोशिश जारी रखने की बात कही है। जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में यह बीजेपी की घोषित नीति के अनुरूप है।

किसानों से वादे : किसानों की आय 2022 तक दुगुनी करने का वादा बीजेपी सरकार ने किया है। बिना ब्याज के कृषि लोन, सिंचित भूमि को दुगुना करने जैसे वादे भी बीजेपी ने किए हैं। इसके अलावा किसानों और छोटे दुकानदारों के लिए पेंशन की घोषणा भी की गयी है। लेकिन पेंशन की यह घोषणा पहले से श्रमिकों के लिए घोषित पेंशन बीमा योजना का विस्तार होगा। प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के तहत हर महीने योगदान करने की सूरत में ही यह पेंशन 60 साल की उम्र पूरी हो जाने के बाद मिलेगी।

छोटे दुकानदारों को पेंशन पर घोषणापत्र में लिखा गया है, "हम छोटे दुकानदारों को सम्मिलित करते हुए प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना का विस्तार करेंगे"

घुसपैठ और शरणार्थी पर परम्परागत रुख
अवैध घुसपैठ रोकने के मामले में बीजेपी की संकीर्ण सोच घोषणापत्र में भी दिखती है। पार्टी पड़ोसी देशों से धार्मिक अल्पसंख्यकों को शरण देने के लिए तो तैयार है लेकिन मुसलमानों को नहीं। यानी नीति वही है कि अगर मुसलमान हुए तो घुसपैठिए और गैर मुसलमान हुए तो शरणार्थी। इसी नीति पर आगे बढ़ते हुए बीजेपी ने सिटिजन अमेंडमेंट बिल को पारित करने का भी वादा दोहराया है।

गरीबी दूर करने के मामले में बीजेपी ने वादा किया है कि वह अगले पांच साल में गरीबों की संख्या को 10 फीसदी से नीचे ले आएगी। यूपीए के दो कार्यकाल में 14 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने का दावा कांग्रेस ने किया है। इस मुकाबले बीजेपी का यह दावा क्रांतिकारी नहीं लगता। संसद और विधानसभाओं में महिलाओँ को 33 फीसदी आरक्षण देने का वादा भी पार्टी ने किया है। मगर, यह लगभग वही वादा है जो कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में किया है। दोनों ही पार्टियों ने टिकट बंटवारे मे अपने इस वादे की खूब धज्जियां उड़ायी हैं। लिहाजा यह घोषणा औपचारिक अधिक लगती है। पार्टी ने हर घर में शौचालय, स्वच्छ जल का भी वादा किया है। बुनियादी संरचना को मजूबत करने के लिए नेशनल हाईवे की लम्बाई दोगुनी करने की बात पार्टी ने कही है। शैक्षणिक संस्थाओँ में सीटें बढ़ाने का वादा भी किया गया है।

(इस लेख में व्यक्त विचार, लेखक के निजी विचार हैं. आलेख में दी गई किसी भी सूचना की तथ्यात्मकता, सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति Oneindia उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं।)

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English summary
Lok Sabha Elections 2019: No big announcement on Ram temple in BJP manifesto 24 Hour power claim by party.
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