बिहार: बीजेपी के विज़न डॉक्यूमेंट में कोरोना फ्री वैक्सीन का ‘मोतियाबिंद’
बीजेपी ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए विज़न डॉक्यूमेंट जारी किया और 11 संकल्प लिए। मगर, पहले ही संकल्प ने पूरे विज़न डॉक्यूमेंट का मोतियाबिंद सामने रख दिया। पहले संकल्प में बिहार के हर व्यक्ति को कोरोना फ्री वैक्सीन देने का वादा है। कांग्रेस ने इसकी भाषा पर आपत्ति जताते हुए इसे 'वोट के बदले वैक्सीन की शर्त' करार दिया है और शर्मनाक बताया है।
मजे की बात यह है कि इस घोषणापत्र को निर्मला सीतारमन ने जारी किया है जो कोरोना की महामारी को एक्ट ऑफ गॉड बता रही थीं। अब वित्तमंत्री को देशभर से उठते सवाल के जवाब देने होंगे कि जिन राज्यों में अधिकाधिक मौत हुई, नुकसान हुआ और जो अधिक गंभीर रूप से कोरोना की महामारी से पीड़ित हैं क्या वहां कोरोना फ्री वैक्सीन दिए जाने की घोषणा नहीं होनी चाहिए थी? क्या ऐसा इसलिए कि उन प्रदेशों में चुनाव नहीं हैं? कोरोना के संक्रमण में बिहार 11वें नंबर पर है। जाहिर है कि 10 राज्य बिहार से अधिक पीड़ित हैं और उन्हें कोरोना फ्री वैक्सीन पहले पाने का अधिकार बिहार से ज्यादा है।
देशभर में कोरोना की महामारी से 1 लाख 17 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। एशिया की आबादी का हर दूसरा कोरोना पीड़ित भारत में है। वहीं, दुनिया की आबादी का 10.24 फीसदी कोरोना संक्रमित भारतीय है। ऐसी स्थिति में देश कोरोना फ्री वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। एक समय जब स्वामी रामदेव ने कोरोना का इलाज खोज लेने का दावा किया था तब भी लोगों को बहुत खुशी हुई थी। मगर, जल्द ही पता चला कि केवल 'महामारी को अवसर' के तौर पर देखने की कोशिश हुई। वैक्सीन बनाने की कोशिशें दुनिया भर में चल रही है। मगर, अब तक रूस ही वैक्सीन बनाने में सफल हो सका है। रूसी वैक्सीन का भी भारत में ट्रायल चल रहा है। अगर आईसीएमआर उसे अनुमति देता है या फिर दूसरी कोरोना वैक्सीन को हरी झंडी देता है तो उसका बड़े पैमाने पर उत्पादन करने की चुनौती रहेगी। फिर उस वैक्सीन को आम लोगों को उपलब्ध कराया जाएगा।
BJP ने जारी किया बिहार चुनाव के लिए घोषणा पत्र, जानिए क्या हैं बड़े वादे
सवाल यह भी है कि जब कोरोना की वैक्सीन आयी ही नहीं है तो उसे फ्री में उपलब्ध कराने का वादा क्या चुनावी धोखा नहीं है? जब वैक्सीन बनेगी, उसका उत्पादन होगा और देश में उपलब्ध होगा तो क्या बिहार के लिए नीति अलग रहेगी और दूसरे प्रांतों के लिए अलग? अच्छा यह होता कि केंद्र की सरकार इस बात का एलान कर देती कि देश में जब भी कोरोना फ्री वैक्सीन बनेगा उसे देश के हर नागरिक को मुफ्त में उपलब्ध कराया जाएगा। इसके बजाए चुनावी घोषणा पत्र का हिस्सा बनाकर और इसे सिर्फ बिहार के लिए घोषित कर पूरे देश के लोगों के साथ मजाक किया गया है।
"जब तक दवाई नहीं, दब तक ढिलाई नहीं।" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 अक्टूबर को राष्ट्र के नाम संबोधन में यह बात दोहरायी थी। मगर, बीजेपी ने अपने घोषणापत्र के जरिए ढिलाई दिखा दी है। अब तक दवाई नहीं, फिर भी भरोसे का घूंट पिलाई गयी है। बीजेपी केंद्र की सरकार में सत्ता में है। यह उसका परम कर्त्तव्य है कि वह देश के हर नागरिक की जिन्दगी सुरक्षित रखे। कोरोना फ्री वैक्सीन पाने का हक हर नागरिक को है। इसे चुनाव से जोड़ा जाना हास्यास्पद है।
चुनाव घोषणापत्र में कोरोना फ्री वैक्सीन के जिक्र के कई मायने हैं-
- - क्या कोरोना फ्री वैक्सीन बीजेपी को वोट के बदले रिश्वत नहीं है?
- - क्या लोगों की जान बचाना भी घोषणापत्र का हिस्सा होगा?
- - जहां चुनाव नहीं होंगे, वहां घोषणापत्र नहीं होंगे। जहां घोषणापत्र नहीं होंगे क्या वहां कोरोना फ्री वैक्सीन नहीं होगी?
जो हिन्दुस्तान पूरी दुनिया में कोरोना की महामारी के दौरान दवाओं की सप्लाई कर रहा था वही देश अपने देश में कोरोना फ्री वैक्सीन की सप्लाई फ्री में नहीं कर सकता? घोषणा सिर्फ बिहार के लिए क्यों हुई?क्या अगर बिहार में चुनाव नहीं होता तो वहां कोरोना फ्री वैक्सीन देने की घोषणा की जाती?
बीजेपी ने जो असंवेदनशीलता दिखलायी है उसकी मिसाल नहीं मिलेगी। खुद बिहार की जनता आपदा में इस अवसर को स्वीकार करेगी, इसमें संदेह है। कई सवाल महत्वपूर्ण होकर उभर रहे हैं-
- - कोरोना फ्री वैक्सीन पाने के लिए वोट का अवसर आना जरूरी है यानी चुनाव जरूरी है?
- - क्या कोरोना काल में अच्छे मकसद के साथ बजायी गयी तालियां-थालियां बेमतलब थीं?
- - पैदल घर लौटने को मजबूर हुए लोगों का गुनाह क्या था? उन्हें क्यों नहीं कोरोना फ्री वैक्सीन मिले?
- - अब तक 515 कोरोना वॉरियर्स डॉक्टरों की शहादत क्या इसलिए हुई है?
देश लॉकडाउन में रहा लोगों ने उफ्फ तक नहीं की। अब कोरोना फ्री वैक्सीन वोटर होने पर ही मिलेगा यह जानकर देश कैसे चुप रह सकता है?
(इस लेख में व्यक्त विचार, लेखक के निजी विचार हैं. आलेख में दी गई किसी भी सूचना की तथ्यात्मकता, सटीकता, संपूर्णता, अथवा सच्चाई के प्रति Oneindia उत्तरदायी नहीं है।)