चुचुरा: बंगाल की वो सीट जहां BJP ने अपनी सांसद को उतारा मैदान में, जानिए समीकरण
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से 35 किलोमीटर दूर जिला है हुगली। इसी जिले में एक विधानसभा सीट है चुंचुरा जहां पर चौथे चरण में 10 अप्रैल को मतदान होना है। इस बार यह विधानसभा सीट इसलिए खास हो गई है क्योंकि बीजेपी ने इस सीट पर सीटिंग लोकसभा सांसद लॉकेट चटर्जी को मैदान में उतारा है। लॉकेट चटर्जी दो साल पहले 2019 के आम चुनाव में हुगली लोकसभा सीट से जीतकर संसद पहुंची थीं।
सांसद बनी विधानसभा में प्रत्याशी
अभिनेत्री से राजनेता बनी लॉकेट चटर्जी की चर्चा सांसद होने के साथ ही अपने प्रचार स्टाइल से भी चर्चा में हैं। प्रचार के दौरान उन्होंने शायद ही ऐसी कोई साधन हो जिसकी सवारी न की हो। एक दिन वह साइकिल पर थीं तो अगले दिन उन्होंने बैलगाड़ी पर प्रचार किया। एक दिन वह बोट से प्रचार के लिए निकलीं।
चुचुरा सीट पर लॉकेट चटर्जी का मुकाबला यहां के सीटिंग टीएमसी एमएलएपर असित मजूमदार से है। लॉकेट चटर्जी टीएमसी के ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर हमले लगाती रही हैं। वे कहती हैं कि टीएमसी के भ्रष्टाचार के चलते ने पहले ही उसे हराने का फैसला कर लिया है।
चटर्जी की राह नहीं आसान
लेकिन चुचुरा में लॉकेट चटर्जी की राह इतनी आसान नहीं है। टीएमसी उम्मीदवार असित मजूमदार ने 2016 में इस सीट पर फॉरवर्ड ब्लॉक के उम्मीदवार प्रणब कुमार घोष को करीब 30 हजार वोटों से हराया था। टीएमसी के स्थानीय नेता चटर्जी के भ्रष्टाचार के आरोपों को गलत बताते हैं। यही नहीं लॉकेट चटर्जी के प्रचार को टीएमसी नेता सिर्फ दिखावा कहते हैं
अपने कैंडिडेट के लिए प्रचार करने खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी यहां आ चुकी हैं। ममता बनर्जी ने बिना नाम लिए लॉकेट चटर्जी पर निशाना साधते हुए कहा था कि "उनकी (बीजेपी) एक सांसद विधानसभा चुनाव लड़ रही है। वह लोकसभा में जीती थीं। अब वह फिर से विधानसभा लड़ रही हैं। वह शायद आगे जाकर निकाय चुनाव लड़े और उसके बाद ग्राम पंचायत का चुनाव लड़ें फिर स्कूल का।"
कांग्रेस गठबंधन की भी सीट पर नजर
लॉकेट चटर्जी के सामने टीएमसी के साथ ही फॉरवर्ड ब्लॉक के उम्मीदवार से भी पार पाना होगा। कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन का हिस्सा बने फॉरवर्ड ब्लॉक ने एक बार फिर प्रणब घोष को प्रत्याशी बनाया है। पिछली बार असित मजूमदार को जहां 1,18,501 वोट मिले थे वहीं घोष 88817 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे थे।
फॉरवर्ड ब्लॉक के नेताओं का मानना है कि भले ही मीडिया यहां पर टीएमसी और बीजेपी को लेकर ही फोकस है लेकिन यह सीट गठबंधन के खाते में आने जा रही है। इसकी वजह बताते हुए वे कहते हैं कि लोग टीएमसी के भ्रष्टाचार और अपराधीकरण से तंग आ चुके हैं। साथ ही वे बीजेपी की हिंदू और मुसलमान को बांटने वाली राजनीति के खिलाफ हैं।
पिछली बार यानि 2016 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर 294743 वोटर शामिल थी। 2016 में चुचुरा सीट पर 82.24 प्रतिशत मतदाताओं ने अपना वोट दिया था। अब देखना है कि शनिवार को इस सीट पर मतदाता किसके लिए घर से निकलते हैं।
Bengal election: क्या बंगाल फिर दोहराएगा इतिहास, जानिए कब-कब फेल हुई हैं चुनावी भविष्यवाणियां