लोकसभा चुनाव 2019: विदिशा-रायसेन संसदीय सीट पर दिनभर चला कांग्रेस का ये हाई वॉल्टेज ड्रामा
Raisen News, रायसेन। मध्य प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीटों में से एक विदिशा-रायसेन संसदीय सीट पर लोकसभा चुनाव 2019 में सोमवार को कांग्रेस का हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा। दोपहर में कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री और 2009 में सुषमा स्वराज के सामने कांग्रेस के प्रत्याशी रहे राजकुमार पटेल ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन फार्म जमा करने निर्वाचन अधिकारी के समक्ष भारी समर्थकों के साथ पहुंचे। निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में पहुंचने के बाद मध्य प्रदेश शासन के मंत्री जीतू पटवारी द्वारा मनाए जाने के बाद वे कांग्रेस के प्रत्याशी शैलेंद्र पटेल का फार्म जमा कर वापस लौट आए।
बता दें कि राजकुमार पटेल वर्ष 2009 में तब चर्चा में आये थे जब उनका नामांकन फार्म किसी गलती के चलते रद्द हो गया था और सुषमा स्वराज यहां से भारी मतों से जीत गई थीं। तभी से उन पर संगठन में कई प्रकार के गंभीर आरोप लग रहे थे। लोकसभा चुनाव 2019 में राजकुमार यहां से फिर टिकट की मांग कर रहे थे, लेकिन पिछला रिकार्ड खराब होने के कारण इस बार उनका टिकट यहां से नहीं हो सका था।
यहां जानें रायसेन-विदिशा लोकसभा सीट का इतिहास
कांग्रेस की नामांकन रैली में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, मप्र सरकार के कैबिनेट मंत्री, जीतू पटवारी, डॉ प्रभुराम चौधरी सहित कई दिग्गज नेता आज रायसेन में जुटे थे, लेकिन अचानक दोपहर में ख़बर आई कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के करीबी राजकुमार पटेल बागी हो गए और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन जमा करने जा रहे हैं।
इसके बाद मंत्री जीतू पटवारी को उन्हें मनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई और आखिर में कांग्रेस के राजकुमार मान ही गए। उन्होंने खुद कांग्रेस प्रत्याशी शैलेंद्र पटेल का नामांकन रिटर्निंग ऑफिसर के समक्ष जमा कर खुद बैरंग लौट आए। इस दौरान मीडिया के सवालों से जहां राजकुमार बचते नजर आए। वहीं मंत्री पटवारी ने कहा कि यह हमारे घर का मामला है। राजकुमार पटेल चुनावी मैदान में नही लड़ेंगे। वे कांग्रेस प्रत्याशी की जीत के लिए प्रचार करेंगे। कांग्रेस की इस खींचतान के बीच बीजेपी के प्रत्याशी रमाकांत भार्गव ने दो पूर्व मंत्रियों के साथ नामांकन दाखिल किया।