सुषमा स्वराज ने इस महिला से किया था वादा, पति को समुद्री डाकुओं के चंगुल से छुड़वाकर लौटाई थी खुशियां
वाराणसी। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भले ही अब लोगों के बीच में नहीं रही हों, लेकिन विदेश मंत्री रहते हुए उनके द्वारा किए गए काम और उनके अंदाज हमेशा लोगों के बीच में जीवंत रहेंगे। 25 मार्च 2016 को वाराणसी के मर्चेंट नेवी के एक इंजीनियर सहित पांच लोगों का समुद्री डाकुओं ने अपहरण कर लिया था। सुषमा स्वराज को जैसे ही इस बात की जानकारी हुई उन्होंने तत्काल इस मामले पर न सिर्फ कार्रवाई की, बल्कि इंजीनियर की पत्नी को हिम्मत भी दिलाई। इंजीनियर संतोष भारद्वाज की पत्नी कंचन भारद्वाज का कहना है कि अब उनके सिर से बड़ी बहन का हाथ हट चुका है।
नाइजीरिया की सीमा में पकड़ लिया गया था
दरअसल, वाराणसी के मंडुवाडीह के रहने वाले संतोष भारद्वाज मर्चेंट नेवी में थर्ड इंजीनियर की पोस्ट पर तैनात थे। उनका शिप पाकिस्तान और बांग्लादेश के कुछ इंजीनियरों के साथ नाइजीरिया की सीमा में जैसे ही प्रवेश किया उसे समुद्री लुटेरों ने जहाज पर चढ़कर पकड़ लिया और सभी को अपने साथ ले गए। पति के अपहरण पर पत्नी कंचन भारद्वाज ने विदेश मंत्री रहते हुए सुषमा स्वराज को एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने खाना पीना छोड़ देने का जिक्र भी किया था। इस ट्वीट को देखते ही सुषमा स्वराज में कंचन भारद्वाज से यह वादा किया था कि उनके पति सही सलामत लौट आएंगे और तब से इस परिवार का सुषमा स्वराज से एक आत्मीय संबंध बना हुआ था, जिसके कारण सुषमा स्वराज के निधन पर अब यह परिवार गम में डूबा हुआ है।
इंजीनियर ने सुनाई आपबीती
मर्चेंट नेवी के इंजीनियर संतोष भारद्वाज ने बताया कि 25 मार्च 2016 को उनके साथ-साथ उनके पांच साथियों को समुद्री लुटेरों ने अपहरण कर लिया था। इस मामले में करीब 45 दिनों के बाद 11 मई 2016 को सुषमा जी के अथक प्रयास के बाद उनकी रिहाई हो पाई थी। हालांकि, इस मामले में उस वक्त कोई जानकारी नहीं थी, पर जब वो अपने घर पहुंचे तब उन्हें पता चला कि उनकी पत्नी कंचन भारद्वाज ने सुषमा स्वराज को एक ट्वीट किया था, जिसका परिणाम था कि संतोष आज सही सलामत हैं।
'उनके जैसा नेता इस दुनिया में दोबारा नहीं होगा'
संतोष भारद्वाज कहते हैं कि विदेश मंत्री रहते हुए सुषमा स्वराज ने जिस तरीके का काम किया वह यह साबित करता है उनके जैसा नेता इस दुनिया में दोबारा नहीं होगा। वहीं, संतोष यह भी कहते हैं कि दुनिया के अलग-अलग कोने में उनसे पहले लोग विदेश मंत्रालय को जानते भी नहीं थे। बहुत सारे लोग आएंगे, लेकिन सुषमा दीदी जैसा गार्जियन मिलना असंभव है।
ये भी पढ़ें: यूपी के इस परिवार के लिए फरिश्ता बनी थीं सुषमा स्वराज, मदद कर लौटाई थी खुशियां