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बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में विरोध पर बोले प्रो. खान- मैं मुस्लिम हूं तो क्या संस्कृत नहीं सिखा सकता

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वाराणसी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में मुस्लिम प्रोफेसर की नियुक्ति के विरोध में कुछ छात्र धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। विरोध करने वालों ने प्रोफेसर फिरोज खान को लेकर तरह-तरह के सवाल दागे हैं। कई लोगों का कहना है कि मुस्लिम प्रोफेसर से वे संस्कृत सीखने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं। जबकि, कई लोगों ने चयन प्र​क्रिया पर भी सवाल उठा दिए। ऐसे लोगों के विरोध को विश्वविद्यालय का बोर्ड और कुलपति नजरअंदाज कर रहे हैं। बोर्ड का कहना है कि प्रोफेसर फिरोज की नियुक्ति में चयन प्रक्रिया के सभी मापदंडों का पालन किया गया। वहीं, अब फिरोज खान ने भी विरोधियों से सवाल किया है। फिरोज ने कहा, ''मैं एक मुस्लिम हूं, तो क्या मैं संस्कृत छात्रों को सिखा नहीं सकता।''

कुलपति आवास के बाहर हो रहे धरना-प्रदर्शन

कुलपति आवास के बाहर हो रहे धरना-प्रदर्शन

बता दें कि, पिछले दिनों ही डॉ. फिरोज खान बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर नियुक्त किए गए थे। उनकी नियुक्ति के विरोध में 7 नवंबर से कुलपति आवास के बाहर धरना-प्रदर्शन हो रहे हैं। हास्यास्पद यह भी रहा कि छात्रों के धरने के दौरान ‘मिर्ची हवन', बुद्धि-शुद्धि यज्ञ, रुद्राभिषेक के बाद सोमवार को हनुमान चालीसा का 108 बार पाठ भी किया गया। छात्रों की आपत्ति इसलिए ज्यादा है, क्योंकि फिरोज गैर हिंदू प्रोफेसर हैं।

''सबसे ज्यादा अंक पाकर फिरोज टॉप पर रहे थे'

''सबसे ज्यादा अंक पाकर फिरोज टॉप पर रहे थे'

नियुक्ति का विरोध करने वाले छात्रों का कहना है कि डॉ. फिरोज खान की बीएचयू में नियुक्ति महामना के आदर्शों और नियमों के विपरीत है। ऐसे में हम इसे रद करने की मांग कर रहे हैं। वहीं, फिरोज को चुनने वाले बोर्ड के हवाले से कहा गया कि संस्कृत विभाग के सहायक प्रोफेसर के पद के लिए 10 उम्मीदवारों को चुना गया था। जिनमें सबसे ज्यादा अंक पाकर फिरोज खान टॉप पर रहे थे, इस​लिए उनकी नियुक्ति की गई।

'संस्कृत से हमारा खानदानी ताल्लुक'

'संस्कृत से हमारा खानदानी ताल्लुक'

हिंदू यूनिवर्सिटी के संस्कृत विभाग में किसी मुस्लिम प्रोफेसर की पहली नियुक्ति के बारे में फिरोज खान का कहना है कि संस्कृत से हमारा खानदानी ताल्लुक है। मेरे दादा गफूर खान राजस्थान में हिंदू देवी-देवताओं को लेकर भजन गाकर इतने मशहूर हो गए थे कि लोग उनको दूर-दूर से बुलाने आते थे। उन्हीं के नक्शेकदम पर चलते हुए मैंने संस्कृत की पढ़ाई की। साथ ही जयपुर में एक गोशाला के लिए प्रचार-प्रसार करते हुए गौ-सेवा भी की। ऐसे में अब मुझे बीएचयू में संस्कृत पढ़ाने में क्या समस्या होगी?''

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English summary
'Why I Can't Teach Sanskrit Being A Muslim', BHU Professor Khan Asks to protesters
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