ISRO का चंद्रयान-3 दिखेगा बनारस के पूजा पंडाल में, हवा में झूलते एस्ट्रोनॉट की लाइटिंग, वीडियो
वाराणसी। उत्तर प्रदेश में वाराणसी के जैतपुरा स्थित मां बागेश्वरी देवी दुर्गा पूजा समिति में इस बार पूजा पंडाल में इसरो के चंद्रयान-3 की झलक दिखेगी। साथ ही हवा में झूलते एस्ट्रोनॉट और स्पेस की लाइटिंग भी आप देख पाएंगे। कोलकाता से आए विशेष कारीगरों द्वारा महीनेभर से पूजा पंडाल को तैयार किया जा रहा है। जो पूजा पंडाल का स्वरूप बना है, उसे इसरो के रूप में बनाया गया है। मां बागेश्वरी देवी मंदिर परिसर में बनाए गए पूजा पंडाल की ऊंचाई 85 फीट और 40 फीट चौड़े पूजा पंडाल में इसरो कार्यालय, चंद्रयान-2 और 2021 में लॉन्च होने नाले चंद्रयान-3 बनाया गया है। पूजा पंडाल में छह एस्ट्रोनॉट, इसरो चीफ के सिवान, लैंडर विक्रम को भी दिखाया जाएगा।
पूजा पंडाल में इसरो कंट्रोल पैनल
पूजा पंडाल से जुड़ा एक वीडियो जारी हुआ है। इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि इस बार का पूजा पंडाल क्यों खास है। पूजा पंडाल के प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि पूजा पंडाल में इसरो कंट्रोल पैनल, चांद की रोशनी और कई तरह के विद्युत झालर लगाए गए हैं। इसके अलावा मुख्य द्वार पर दो एस्ट्रोनॉट आए हुए लोगों का स्वागत करेंगे।
स्कूली बच्चों ने किया ये सब
खास बात ये भी है कि 6 फीट से लेकर 4 फीट तक के एस्ट्रोनॉट को स्कूली बच्चों ने मिलकर तैयार किया है। इन बच्चों में अर्थ जायसवाल, पार्थ जायसवाल, सुमित, लक्ष्य शामिल हैं। इन बच्चों ने बताया कि वह एक माह से माह से एस्ट्रोनॉट बना रहे थे। एस्ट्रोनॉट बनाने के लिए उन्होंने कार्डबोर्ड, हेलमेट, पेंट, जूते समेत अन्य घरेलू सामानों का उपयोग किया।
कुल 6 एस्ट्रोनॉट दिखेंगे
पंडाल के बाहर जहां इसरो के परीक्षण का नजारा होगा तो 3 पुरुष और एक मंजिला यात्री सहित कुल 6 एस्ट्रोनॉट भी दिखेंगे। वे पंडाल के बाहर से लेकर अंदर तक हवा में सफर तय करेंगे। इसके अलावा इसरो के चीफ के सिवेन की प्रतिमा भी बनाई गई है। जिसे कम्प्यूटर को आॅपरेट करते दिखेंगे।
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