वाराणसी के स्ट्रीट वेंडर ने पीएम मोदी से कही फ्री मोमोज खिलाने की बात, जानें क्या मिला जवाब?
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना के तहत आयोजित कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के रेहड़ी-पटरी व्यवसायियों से वर्चुअल संवाद किया था। पीएम मोदी ने स्ट्रीट वैंडर्स आत्मनिर्भर निधि के तहत मिले 10 हजार रुपए के लोन से व्यापार बढ़ाने वाले यूपी के तीन व्यापारियों आगरा की प्रीति, वाराणसी के अरविंद मौर्य, लखनऊ के रिक्शा चालक बिजय बाबुल से सवांद किया। इस दौरान वाराणसी के अरविंद ने पीएम को अपने हाथ से बनाए मोमोज को खिलाने की इच्छा व्यक्त की। पीएम ने अरविंद की बात हंसते हुए जवाब दिया।
मोमोज खाने की बात पर क्या बोले पीएम मोदी?
वाराणसी के मोमोज विक्रेता अरविंद मौर्या से बात करते हुए पीएम ने कहा, 'सुना है कि बनारस में आजकल मोमोज की डिमांड बढ़ गई है।' पीएम ने हंसते हुए कहा कि जब मैं बनारस आता हूं तो हमें कोई मोमोज खिलाता ही नहीं। अरविंद ने पीएम को अपने हाथ से बनाए मोमोज को खिलाने की इच्छा व्यक्त की तो पीएम ने हंसी करते हुए कहा कि सिक्योरिटी वाले तो चेक करने लगते हैं।
अरविंद से पूछा- लोन के लिए कितनी भाग-दौड़ करनी पड़ी
पीएम ने अरविंद से सीधे पूछा कि आपको लोन के लिए कितनी भाग-दौड़ करनी पड़ी या कितने अधिकारियों के पैर छूने पड़े? अरविंद ने बताया कि डूडा और नगर-निगम ने सर्वे करके फॉर्म भरवाया और एक हफ्ते बाद ही बैंक से फोन आया और हमारे अकाउंट में पैसे आ गए। पीएम ने अरविंद से पूछा कि कौन-कौन सी सरकारी योजनाएं आप तक पहुंची? अरविंद ने बताया कि आयुष्मान भारत, बीपीएल, श्रम योजना का लाभ वह पा रहे हैं, जिस पर पीएम ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए बनारस को प्रणाम किया।
जून में शुरू की गई थी योजना
बता दें, कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से रेहड़ी-पटरी और छोटे दुकानदारों की आजीविका पर बड़ा असर पड़ा है। केंद्र सरकार ने ऐसे लोगों की मदद के लिए 1 जून को स्वानिधि योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत बिना किसी गारंटी की रेहड़ी-पटरी वालों को 10 हजार रुपए तक लोन मिलता है। अब तक इस योजना के अंतर्गत 24 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, इनमें से 12 लाख आवेदनों को मंजूरी दी जा चुकी है और लगभग 5.35 लाख के ऋण वितरित किए जा चुके हैं। उत्तर प्रदेश की बता करें तो यहां 6 लाख से अधिक आवदेन प्राप्त हुए हैं। इनमें से 3.27 लाख को मंजूरी दी जा चुकी है, जबकि 1.87 लाख का ऋण वितरित किया जा चुका है।