तीसरे ही दिन समाप्त हुई वाराणसी के बुनकरों की हड़ताल, योगी सरकार ने मानी सभी मांगें
वाराणसी। बिजली के फ्लैट रेट बहाली की मांगों और आर्थिक बदहाली का सामने कर रहे काशी के बुनकर 1 सितंबर से हड़ताल पर चले गए थे। इस दौरान बुनकरों को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव का साथ भी मिला था। तो वहीं, योगी आदित्यनाथ सरकार ने काशी के बुनकरों की सभी मांगे मान ली। जिसके साथ ही बुनकरों का आंदोलन तीसरे दिन ही समाप्त हो गया। शासन की सहमति के बाद काशी के बुनकरों ने मुख्यमंत्री को शुक्रिया कहा। बुनकरों का कहना है कि मुख्यमंत्री जी आपका बहुत-बहुत शुक्रिया जो आपने गरीब बुनकरों की पुकार सुन ली हैं।
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बता दें कि उत्तर प्रदेश बुनकर संघ के अध्यक्ष डॉ. इफ्तिखार अहमद अंसारी के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री के सचिव एवं हथकरघा उद्योग के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल से वार्ता की। सचिव ने मुख्यमंत्री से वार्ता कर उन्हें पहली जनवरी से 31 जुलाई तक पुरानी व्यवस्था के तहत ही बिजली बिल भुगतान करने को कहा है। जिसते तहत पहली अगस्त से फ्लैट रेट की तरह ही दी गई नई व्यवस्था के तहत बिल का भुगतान किया जाएगा। सरकार द्वारा मांगे माने पर सरदार मकबूल हसन ने बताया कि बुनकर सभा के अध्यक्ष ने आंदोलन खत्म करने का ऐलान किया है।
अब शुक्रवार से मुर्री सहित बुनकारी से जुड़े सभी कार्य शुरू हो जाएंगे। इसके लिए बुनकर बिरादराना तंजीम पांचों केसरदार मुर्तजा ने अब बुनकरों से काम पर लौटने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि बड़ी खुशी से इतेला दी जाती है कि सरकार ने बुनकरों की मांग को मान लिया है। इसलिए तंजीम मुर्री बंद का फैसला वापस लेती है। सभी से आग्रह है कि वह शुक्रवार से अपना कारोबार चालू करें। बता दें कि बुनकरों ने अपनी मांगों को लेकर एक सितंबर से हड़ताल शुरू कर दी थी। फिलहाल 15 सितंबर तक हड़ताल थी। हड़ताल में साड़ी व्यापारी भी शामिल हो गए थे। सपा और कांग्रेस का भी बुनकरों को समर्थन मिल गया था। प्रियंका गांधी और अखिलेश ने हड़ताल शुरू होते ही बुनकरों का समर्थन करते हुए प्रदेश सरकार पर हमला बोल दिया था।