मोबाइल पर्स जैसी छोटी चीजों में भी छुप सकता है कोरोना, चंद सेकेंड में खत्म कर देगी यह मशीन!
वाराणसी। बीएचयू आईआईटी के साथ मिलकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर गौरव सिंह ने एक ऐसा अल्ट्रावायलट सैनिटाइजर मशीन तैयार किया है जिसके बारे में उनका दावा है कि यह बेल्ट, पर्स, चाबी जैसी छोटी चीजों से वायरस को खत्म कर देगा। इंजीनियर ने बताया कि कोरोना के खिलाफ लड़ रहे डॉक्टर, पुलिसकर्मी, सफाईकर्मी व समाजसेवियों जैसे तमाम लोगों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने यह मशीन बनाया है। उनका कहना है कि ये लोग काम खत्म करने के बाद सफाई संबंधी सारी सावधानियां बरतते हैं लेकिन घड़ी, बेल्ट, पर्स जैसी तमाम चीजों की सफाई नहीं हो पाती है जहां वायरस छुपे हो सकते हैं। यह मशीन वायरस को खत्म कर उन चीजों को भी सैनिटाइज कर देगा।
चंद सेकेंड में वायरस को खत्म करेगा
गौरव ने बताया कि यह मशीन अल्ट्रावायलेट किरणों से कोरोना के वायरस को मार देगी। इसमें अल्ट्रावायलेट की कैटेगरी सी फ्रिक्वेंसी का इस्तेमाल हुआ है जो वायरस को चंद सेकेंड में खत्म कर देता है। मशीन में अल्ट्रावायलेट रेडिएशन के लिए लाइट लगी हैं। गौरव का दावा है कि यह मशीन 99 परसेंट तक वायरस को खत्म करने में सक्षम है।
यूवी रेडिएशन करेगा वायरस को निष्क्रिय
बीएचयू आईआईटी के प्रोफ़ेसर डॉ प्रदीप कुमार मिश्र ने बताया कि यह बहुत बड़ी समस्या है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए आप खुद को तो साफ कर सकते हैं, धो सकते हैं लेकिन कई चीजें हैं जैसे मोबाइल, पर्स, घड़ी, चाबी जिनको हम धो नहीं सकते। इन चीजों को सैनिटाइज करना बड़ी समस्या है। मालवीय सेंटर फॉर इनवोशन के साथ मिलकर इंजीनियर गौरव सिंह ने यह मशीन बनाई है जिसके पीछे सोच यह है कि किसी भी वायरस को अल्ट्रावायलट किरणों से निष्क्रिय किया जा सकता है।
मशीन के पीछे सिद्धांत क्या है?
प्रोफेसर मिश्रा ने बताया कि वायरस को निष्क्रिय करने के लिए 12 सौ माइक्रोवाट प्रति सेकेंड सेंटीमीटर स्क्वायर डोज देते हैं। लेकिन कोरोना जैसे खतरनाक वायरस को खत्म करने के लिए मशीन में 4000 माइक्रोवाट प्रति सेकंड सेंटीमीटर स्क्वायर तक का डोज देने की व्यवस्था है। अल्ट्रावायलेट रेडिएशन को कोने-कोने तक पहुंचाने के साथ-साथ इसमें एयर सर्कुलेशन का भी इंतजाम है। टाइमर के जरिए टाइम सेट कर इस मशीन में सामान रखकर इंसान दूर हट जाएगा जिससे वह खुद को भी अल्ट्रावायलट रेडिएशन से बचा सके। टाइम पूरा होने पर खुद ही मशीन ऑफ हो जाएगा।
मार्केट में कितनी हो सकती है कीमत
इस सवाल के जवाब में प्रोफेसर मिश्रा ने बताया कि इस मशीन को बनाने और मार्केटिंग में मालवीय सेंटर फॉर इनोवेशन मदद करेगा। इस मशीन की कीमत मार्केट में चार से पांच हजार तक हो सकती है। यह लोगों के बजट में आ सकता है। इसे डॉक्टर भी अपनी क्लीनिक में रख सकते हैं, पुलिस स्टेशन में रखा जा सकता है, साथ ही आम लोग भी अपने घर में इस्तेमाल कर सकते हैं। इस मशीन से सिर्फ कोरोना से ही नहीं, अन्य किसी भी वायरस इंफेक्शन से बचा जा सकता है। कोरोना वायरस से लड़ रहे योद्धाओं के लिए यह मशीन बहुत कारगर साबित हो सकता है।
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